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Jaisalmer में एक करोड़ के बजट की जरूरत, तब होगा अव्यवस्थाओं का उपचार

 
में एक करोड़ के बजट की जरूरत, तब होगा अव्यवस्थाओं का उपचार

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क,  जैसलमेर पर्यटन नगरी के तौर पर देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान बना चुके जैसलमेर के बाशिंदों को इस बात का आज भी दर्द है कि तीस बसें संचालित करने वाले रोडवेज के पास खुद का बस स्टैण्ड ही नहीं है। करीब 11 वर्ष पहले जैसलमेर आगाज को पूर्ण आगाज बना दिया गया, लेकिन रोडवेज की 4 बीघा जमीन अब तक अनुपयोगी बनी हुई है। जानकार बताते है कि यदि एक करोड़ रुपए की सहायता रोडवेज को मिले तो यहां यहां व्याप्त अव्यवस्थाओं की बीमारी का पूर्ण उपचार हो जाए। गौरतलब है कि जैसलमेर शहर में यात्री भार के प्रमुख केन्द्र माने जाने वाले गड़ीसर मार्ग पर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की करीब 4 बीघा भूमि है, जो कि मौजूदा समय में निगम के किसी भी काम नहीं आ रही है। गड़ीसर रोड से जैसलमेर से दो प्रमुख मार्गों की सडक़ें निकलती है, जो जोधपुर मार्ग व बाड़मेर रोड़ में तब्दील हो जाती है। यदि निगम के स्वामित्व का बस स्टैंड बनाया जाता है, तो यात्रियों को सुगमता होगी, साथ ही निगम को भी अच्छा यात्री भार मिल सकेगा।

2013 में मिला पूर्ण आगार का दर्जा

वर्ष 2013 में जैसलमेर आगार को पूर्ण आगार का दर्जा मिला है, लेकिन सीमावर्ती आगार होने के कारण आज तक मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। सीमावर्ती आगार होने के बावजूद आमजन को पूर्ण सुविधाएं यहां नहीं मिल पा रही है। जानकारों के अनुसार जैसलमेर जिला मुख्यालय होने के साथ-साथ देश का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। ऐसे में रोडवेज का खुद का बस स्टैण्ड नहीं होने से यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ रही है।

बदलेगी सूरत

गड़ीसर मार्ग स्थित निगम के स्वामित्व की रिक्त पड़ी 4 बीघा भूमि में बस स्टैण्ड के निर्माण के लिए 400 बीघा लंबाई वाली डामरयुक्त सडक़, 4 प्लेटफार्म, 4 कमरे, 50 गुणा 30 यात्रियों के बैठने के लिए शेड, एक सुलभ कॉम्पलेक्स और 1 जल मंदिर यानी प्याऊ की दरकार है।

भिजवाएं हैं प्रस्ताव

बस स्टैण्ड के निर्माण के साथ-साथ गैर संचालित आय में बढ़ोतरी की भी अपार संभावनाएं हैं। इस संबंध में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, मुख्यालय जयपुर के जोनल मैनेजर को प्रस्ताव प्रेषित किए हैं।