Jaisalmer 35वां चूंधी गणेश मेला आज, दूधिया रोशनी में नहाए मंदिर
महादेव, हनुमान व कृष्ण व जगदंबा मंदिर में भी की सजावट
मंदिर परिसर स्थित महादेव मंदिर, हनुमान मंदिर, भगवान कृष्ण, जगदम्बा के शीशमहल रूपी मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया है। महोत्सव में बच्चों के मनोरंजन के लिए मेला मैदान में विभिन्न प्रकार के खेलों, झूलों की व्यवस्था की गई है। संयोजक मेहता ने बताया कि मंदिर परिसर में पिछले बुधवार से ही दर्शनार्थियों की रेलमपेल लगी हुई है। मेले का आगाज मंगलवार प्रात: 5 बजे शहर से चूंधी गणेश मंदिर तक आने वाले पैदल यात्री संघ के आगमन के साथ आरंभ होने वाली आरती के साथ होगा। संयोजक मेहता के अनुसार दर्शनार्थियों के आवागमन के लिए शहर के हनुमान चौराहे से चूंधी गणेश मंदिर स्थल तक नि:शुल्क बसों की व्यवस्था की गई है। शाम 7 बजे महाआरती के बाद ‘एक शाम भगवान गणेश के नाम’ भजन संध्या होगी।
‘अपना घर’ की सौगात देने वाले चूंधी गणेश
देवताओं में अग्रपूज्य भगवान गणेश जीवन में शुभ का प्रतीक माने जाते हैं। हर शुभ कार्य उनका नाम लेकर शुरू करने का रिवाज करोड़ों लोगों के जीवन में है लेकिन जैसलमेर मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर चूंधी गणेश का मंदिर इस मायने में अनूठा है कि, यहां विराजित गजानन अपने भक्तों को उनके जीवन की एक बहुत बड़ी कामना ‘अपना घर’ बनाने की प्रार्थना को साकार करते हैं। यही कारण है कि चूंधी गांव में स्थित गणेश मंदिर के आसपास की जमीन पर सैकड़ों-हजारों की तादाद में वहीं बिखरे पत्थरों को जोड़ कर बनाए गए द्मघरद्य नजर आते हैं। यहां श्रद्धालु अपने परिवारजनों के साथ पूरी श्रद्धा के साथ दर्शन करने के बाद उतनी ही शिद्दत से पत्थरों को जोड़ कर घर बनाते हैं और भगवान गणेश से प्रार्थना करते हैं कि, उनका सपना जल्द पूरा करें। ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो यह मानते हैं कि, चूंधी गणेश मंदिर की बगल में बनाए गए उनके द्मघरद्य ने शहर या गांव में वास्तविक मकान की शक्ल ले ली। वे इसे भगवान गणेश का आशीर्वाद ही मानते हैं। यही वजह है कि इस ऐतिहासिक मंदिर में वर्ष पर्यंत तांता लगा रहता है और जैसलमेर व आसपास के गांवों से ही नहीं बल्कि प्रवासी भी जैसलमेर आगमन पर चूंधी गणेश के आगे शीश नवाने जरूर पहुंचते हैं। प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी पर यहां विशाल मेला भरता है। इस बार यह मेला मंगलवार को भरेगा।