जयपुर में अरावली संरक्षण को लेकर युवाओं का आक्रोश, मशाल जुलूस निकालकर दिया पर्यावरण बचाने का संदेश
जयपुर में अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर युवाओं का आक्रोश बुधवार को सड़कों पर नजर आया। पर्यावरण संरक्षण और अरावली को बचाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में युवा मशाल जुलूस के रूप में एकजुट हुए। ‘सेव अरावली, सेव लाइफ’ और ‘अरावली बचाओ, भविष्य बचाओ’ जैसे नारों के साथ यह जागरूकता रैली सवाई मानसिंह (एसएमएस) स्टेडियम से शुरू होकर अमर जवान ज्योति तक निकाली गई।
मशाल जुलूस में शामिल युवाओं का कहना था कि अरावली पर्वतमाला केवल पहाड़ों की श्रृंखला नहीं है, बल्कि यह जयपुर और आसपास के क्षेत्रों की जीवनरेखा है। अरावली के कारण ही भूजल स्तर संतुलित रहता है, हवा शुद्ध होती है और जैव विविधता सुरक्षित रहती है। युवाओं ने आरोप लगाया कि हाल के वर्षों में खनन, अतिक्रमण और पर्यावरण विरोधी नीतियों के कारण अरावली को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
रैली के दौरान युवाओं ने हाथों में पोस्टर और तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर “अरावली नहीं तो जीवन नहीं”, “प्रकृति बचेगी तो मानव बचेगा” जैसे संदेश लिखे थे। कई युवाओं ने कहा कि यदि समय रहते अरावली का संरक्षण नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, जैसे जल संकट, बढ़ता प्रदूषण और तापमान में असंतुलन।
मशाल जुलूस के समानांतर जयपुर के नींदड-बैनाड क्षेत्र में भी अरावली संरक्षण को लेकर एक अलग पहल देखने को मिली। यहां स्थानीय युवाओं, पर्यावरण प्रेमियों और ग्रामीणों ने पर्वत-प्रकृति पूजन किया। इस दौरान अरावली की पहाड़ियों की पूजा-अर्चना कर उन्हें बचाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम के बाद क्षेत्र में पौधारोपण भी किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
आयोजकों ने बताया कि पौधारोपण का उद्देश्य केवल पेड़ लगाना नहीं, बल्कि लोगों में प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का भाव पैदा करना है। उन्होंने कहा कि अरावली पर्वतमाला का संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को इसके लिए आगे आना होगा।
युवाओं ने सरकार से मांग की कि अरावली क्षेत्र में अवैध खनन और निर्माण गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। रैली में शामिल युवाओं ने चेतावनी दी कि यदि अरावली के संरक्षण को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
