GPS ट्रैकर की मदद से ACB ने किया रिश्वत कांड का पर्दाफाश! आरोपियों से बरामद किए 20 लाख रुपये, पीए रोहित की तलाश जारी

बागीदौरा से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक जय कृष्ण पटेल को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार करने के मामले में एसीबी ने अब दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने रिश्वत की रकम से भरा बैग जमीन में दबा रखा था, जिसे एसीबी की टीम ने बाहर निकालकर रकम बरामद कर ली है। इससे पहले एसीबी विधायक जय कृष्ण पटेल और उनके रिश्तेदार विजय पटेल को गिरफ्तार कर चुकी है।
दोनों को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। एसीबी डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि विधायक जय कृष्ण पटेल को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार करने के मामले में एसीबी ने हिंडौन सिटी (करौली) निवासी लक्ष्मण मीना उर्फ जसवंत को गिरफ्तार किया है। वह जयपुर में इंदिरा गांधी नगर, जगतपुरा में रहता है। इसके साथ ही एसीबी ने सैथली निवासी जगराम मीना को भी पकड़ा है। वह इंदिरा गांधी नगर, जगतपुरा में किराए के मकान में रहता है। हालांकि विधायक का पीए रोहित अभी फरार है। उसने नोटों से भरा बैग अपने मामा जसवंत को दिया था।
पीए ने चाचा को दिया बैग, उसने परिचित को दे दिया : एसीबी की जांच में सामने आया है कि शिकायतकर्ता से पैसे लेने और गिनने के बाद विधायक जय कृष्ण ने पैसों से भरा बैग पीए रोहित को दे दिया। पीए ने यह बैग अपने चाचा जसवंत को दे दिया। एसीबी ने नोटों के बीच जीपीएस ट्रैकर रखा था, जिसे रोहित ने सुनसान जगह पर फेंक दिया। एसीबी को ट्रैकर तो मिल गया, लेकिन पैसे नहीं मिले। विधायक से पूछताछ में रोहित के चाचा जसवंत का नाम सामने आया। इसके बाद एसीबी जसवंत और फिर जगराम तक पहुंची।
ऐसे पहुंची एसीबी कड़ियों को जोड़ते हुए तह तक : जसवंत ने पैसों से भरा बैग अपने एक परिचित जगराम को दिया और उसे छिपाने को कहा, लेकिन उसने पूरे मामले की सच्चाई नहीं बताई। जसवंत ने जगराम से कहा कि एक प्रॉपर्टी डील कैंसिल हो गई है, इसलिए वह पैसे छिपा दे। इसके बाद जगराम ने पैसों से भरा बैग इंदिरा गांधी नगर स्थित अपने घर में दबा दिया। एसीबी पहले जसवंत और फिर जगराम तक पहुंची और पैसों से भरा बैग जमीन से निकलवाकर पैसे जब्त कर लिए। जांच में पता चला कि ये वही नोट थे, जो बैंक से निकालकर रिश्वत के तौर पर दिए गए थे।
तीन सवाल वापस लेने की मांग: दरअसल, विधानसभा में खनन से जुड़े तीन सवाल पूछने के बाद विधायक जय कृष्ण पटेल ने करौली-धौलपुर के खान धारक रविंद्र को फोन कर धमकाया और सवाल वापस लेने के बदले दस करोड़ रुपए मांगे। बाद में 2.50 करोड़ रुपए में सौदा तय हुआ। इसके तहत किश्तों में पैसे दिए जाने थे और पैसे मिलने पर विधायक ने तीनों सवाल वापस लेने पर सहमति जताई। इसी बीच 4 अप्रैल को रविंद्र ने एसीबी में शिकायत कर दी। एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई के लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया।
कार में बैठकर विधायक ने गिने रुपए: विधायक जय कृष्ण पटेल ने पहले परिवादी को बांसवाड़ा बुलाया और वहां उससे एक लाख रुपए ले लिए। इसके बाद रिश्वत की पहली किश्त 4 मई को जयपुर में देना तय हुआ। 4 मई को विधायक ने परिवादी को ज्योति नगर स्थित अपने आवास पर बुलाया और वहां 20 लाख रुपए की रिश्वत ले ली। विधायक ने गाड़ी में बैठकर पैसे गिने और पैसों से भरा बैग अपने पीए रोहित को थमा दिया। एसीबी की टीम के आने की भनक लगते ही वह पैसों से भरा बैग लेकर भाग गया। हालांकि, एसीबी ने विधायक को रंगे हाथों पकड़ लिया।