क्या राजस्थान में भी लागू होगा ‘गुजरात मॉडल’? केवड़िया में BJP विधायकों और मंत्रियों की ट्रेनिंग शुरू, जानिए क्या है भाजपा का प्लान

राजस्थान में सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय, सुशासन और जन सहयोग बनाए रखने के लिए भाजपा ने अनूठी पहल की है। इस बार राजस्थान की पूरी सरकार और भाजपा संगठन के प्रमुख चेहरे खुद गुजरात जाकर 'गुजरात मॉडल' का ककहरा सीखेंगे। इसके लिए राजस्थान भाजपा के विधायक, मंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री समेत कई संगठन नेता गुजरात के केवड़िया पहुंच रहे हैं। दरअसल, गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में 5 से 7 मई तक तीन दिवसीय 'सुशासन प्रशिक्षण शिविर' का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, राजस्थान के 115 भाजपा विधायक, 14 लोकसभा सांसद, 4 राज्यसभा सांसद, 6 समर्थक विधायक और प्रदेश भाजपा संगठन के प्रमुख पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
गुजरात में प्रशिक्षण का क्या है मकसद?
यह प्रशिक्षण शिविर भाजपा की सरकार-संगठन समन्वय की रणनीति का हिस्सा है। राजस्थान में लगातार सरकार दोहराने में विफल रही भाजपा गुजरात से सीख लेकर वहां की तरह स्थायी जनसमर्थन और प्रभावी प्रशासनिक मॉडल अपनाना चाहती है।
नेताओं को क्या सिखाया जाएगा?
इस तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र में नेताओं को कई महत्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन मिलेगा। जैसे- सरकार में सुशासन चलाना, संगठन में अनुशासन और संवाद व्यवस्था, जनता से निरंतर जुड़ाव और फीडबैक व्यवस्था, विधायकों से उनकी सरकार पर राय और फीडबैक लेना और आगामी पंचायत और निकाय चुनावों के लिए रणनीति बनाने के गुर सीखना।
भाजपा के शीर्ष नेता देंगे प्रशिक्षण
भाजपा ने इस प्रशिक्षण शिविर को "सुशासन सम्मेलन" नाम दिया है। इसमें मार्गदर्शन देने वाले प्रमुख नेताओं में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव, भाजपा संगठन प्रचारक वी. सतीश, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और संगठन महामंत्री रत्नाकर शामिल हैं। बता दें, गुजरात के केवड़िया की टेंट सिटी-2 के सभी आठ ब्लॉक में राजस्थान के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के ठहरने और प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। यह स्थान सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के पास स्थित है, जिसे राष्ट्रीय एकता और संगठनात्मक मजबूती का प्रतीक माना जाता है।
फीडबैक सेशन भी रहेगा खास आकर्षण
वहीं, प्रशिक्षण सत्र के दौरान एक खास फीडबैक सेशन भी रखा गया है, जिसमें विधायकों से उनके अपने मंत्रियों और सरकार के कामकाज के बारे में उनकी राय ली जाएगी। इससे प्रदेश नेतृत्व को संगठन और सरकार के भीतर कार्यशैली को बेहतर बनाने के लिए जरूरी इनपुट मिलेंगे। इस प्रशिक्षण शिविर के दौरान मुख्यमंत्री, मंत्री और प्रमुख विधायक गुजरात में रहेंगे, जिसके चलते राजस्थान में सरकार की नियमित बैठकें कुछ समय के लिए रुकी रहेंगी। लेकिन भाजपा इसे दीर्घकालिक राजनीतिक और प्रशासनिक निवेश के तौर पर देख रही है।
क्या राजस्थान में भी 'गुजरात मॉडल' है?
आपको बता दें कि यह आयोजन भाजपा के उस प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत वह गुजरात की तरह राजस्थान में भी स्थिर और जनसमर्थन वाली सरकार बनाना चाहती है। गुजरात में भाजपा 1995 से लगातार सत्ता में है, जबकि राजस्थान में 1998 से कोई भी पार्टी लगातार दो बार सरकार नहीं बना सकी है।