Karwa Chauth पर छलनी से क्यों देखते हैं चांद और पति का चेहरा?, वीडियो में देखें इसके पीछे की कहानी
जयपुर न्यूज़ डेस्क, सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और तरक्की के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं. इस दिन व्रत का श्रद्धा पूर्वक पालन करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है. यह व्रत कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पूजा करती हैं और व्रत कथा सुनती है. इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय के साथ करवा माता और चंद्रमा की पूजा की जाती है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं.
करवा चौथ व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह 6 बजकर 46 मिनट से शुरू होगी और यह तिथि 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, दिन रविवार को रखा जाएगा. करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 02 मिनट तक रहेगा. इस समय पूजा करना बहुत ही शुभ रहेगा.
छलनी में चांद और पति का चेहरा क्यों देखते हैं?
करवा चौथ के दिन चांद और पति को छलनी से देखने को लेकर यह मान्यता है कि छलनी में हजारों छेद होते हैं, जिससे चंद्रमा दर्शन करने से छेदों की संख्या जितने प्रतिबिंब दिखते हैं. उसके बाद पति को छलनी से देखा जाता है तो पति की उम्र भी उतनी ही गुना बढ़ जाती है. इसलिए करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा और पति को देखने के लिए छलनी का इस्तेमाल किया जाता है. मान्यता है कि इस विधि के बिना यह व्रत अधूरा होता है.
पुराणों में मिलता है जिक्र
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार राजा दक्ष प्रजापति चंद्रमा पर क्रोधित हो गए. जिसके बाद उन्होंने चंद्रमा को श्राप दिया कि तुम क्षीण हो जाओगे और जो भी तुम्हारे दर्शन करेगा उसपर कलंक आएगा. इस श्राप से दुखी होकर रोते हुए चंद्रमा भगवान शिव के पास पहुंचे और मदद मांगी. जिसके बाद भगवान शिव ने कहा कि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन जो भी तुम्हारे दर्शन करेगा, उस व्यक्ति के सभी दोष दूर हो जाएंगे और हर तरह के कलंक मिट जाएंगे.
करवा चौथ व्रत का महत्व
करवा चौथ के दिन सुबह सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक व्रत का पालन किया जाता है. करवा चौथ में चंद्रमा विशेष महत्व है. इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा के साथ चंद्रोदय होने पर चंद्रमा की पूजा भी की जाती है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से जीवन में सुख- सौभाग्य मिलता है.