Aapka Rajasthan

कौन है SI परीक्षा 2021 घोटाले में शामिल SDM हनुमानाराम ?घर में बीमार पिता और भाई ने भी कभी नहीं देखि इतनी बड़ी रकम

 
कौन है SI परीक्षा 2021 घोटाले में शामिल SDM हनुमानाराम ?घर में बीमार पिता और भाई ने भी कभी नहीं देखि इतनी बड़ी रकम 

राजस्थान में एसआई परीक्षा 2021 में हुए घोटाले को लेकर बवाल मचा हुआ है। अब इस परीक्षा में हुए घोटाले में एसडीएम हनुमान राम बुरी तरह फंस गए हैं। एसओजी ने 9 अप्रैल को फतेहगढ़ में तैनात एसडीएम हनुमान राम को हिरासत में लिया था। 10 अप्रैल को कोर्ट में पेश करने के बाद एसडीएम को रिमांड पर लिया गया है। एसडीएम हनुमान राम एसओजी की रडार पर तब आए जब नरपत राम और उनकी पत्नी इंद्रा को जोधपुर से गिरफ्तार किया गया और पूछताछ में उन्होंने एसडीएम हनुमान राम का नाम लिया। हालांकि एसडीएम की गिरफ्तारी के बाद नया खुलासा हुआ है कि हनुमान राम एसडीएम बनने के बाद एसआई भर्ती परीक्षा में दो अभ्यर्थियों के डमी कैंडिडेट बन गए थे। जिसमें उन्होंने नरपत राम और रामनिवास के लिए परीक्षा दी थी। अब पूछताछ में और बड़े खुलासे होने का इंतजार है।

कौन हैं एसडीएम हनुमान राम
एसडीएम हनुमान राम ने साल 2021 में आरएएस परीक्षा पास की थी। जबकि इससे पहले वे क्लर्क के पद पर भी काम कर चुके हैं। हनुमान राम बाड़मेर के चोहटन इलाके में धनाऊ के पास बिसारनिया गांव के रहने वाले हैं। गांव से थोड़ी ही दूरी पर उनकी ढाणी है. जहां हनुमान राम का परिवार रहता है। हनुमान राम का परिवार किसान परिवार है और उनके पिता कोशला राम खेती करते थे लेकिन अब एक दुर्घटना में सिर में चोट लगने के कारण उनका इलाज चल रहा है। एसडीएम बनने से पहले हनुमान राम ने जालोर से पढ़ाई की थी। अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई करके उन्होंने पहले क्लर्क और बाद में आरएएस परीक्षा पास की और एसडीएम बन गए। लेकिन अब हनुमान राम पर एसआई भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट के तौर पर बैठने का आरोप लगा है। जबकि उनके परिवार का कहना है कि उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है। उनके भाई का कहना है कि हमने तो इतनी बड़ी रकम भी नहीं देखी है जो हनुमान घर लेकर आए हैं। हम तो फिर भी किसान हैं।

हनुमान राम की गिरफ्तारी पर परिवार ने क्या कहा

परिवार में बड़े भाई चूनाराम अनपढ़ हैं। वे घर पर रहकर खेती करते हैं। जब उनसे डमी कैंडिडेट के तौर पर परीक्षा में बैठने और एसओजी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि घर में किसी को इसकी जानकारी नहीं थी. बुधवार शाम को हनुमानराम की पत्नी ने फोन कर बताया कि दो लोग आए थे और उसे उठाकर ले गए। फिर मोबाइल पर न्यूज देखी तो पता चला कि एसओजी उसे पकड़कर ले गई है। डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने पर चूनाराम ने कहा कि हमने कभी नहीं सुना कि उसने ऐसा कुछ किया हो या कोई बड़ी रकम घर लेकर आया हो। जब वह आरएएस परीक्षा की तैयारी कर रहा था, तब मुझसे पैसे मांगता था और मैं उसे हर महीने पैसे भेजती थी।

हमें नहीं पता कि वह इन सब में कैसे फंस गया। हनुमानराम की मां ने बताया कि बेटा ज्यादातर जालौर के जसवंतपुरा में ही रहा है। उसने अपने नाना-नानी के घर रहकर पढ़ाई की। जब बाड़मेर जिला कलेक्टर कार्यालय में क्लर्क की नौकरी लग गई, तो वह कभी-कभी घर आता था। इसके बाद 2023 में आरएएस परीक्षा पास करने के बाद 2024 में उसकी शादी हो गई। इसके बाद वह एक-दो महीने के लिए घर आता था। उन्होंने डमी कैंडिडेट के तौर पर परीक्षा क्यों दी, क्या यह उनकी मजबूरी थी, उन्हें कितने पैसे मिले, इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है।