Jaipur राजस्थान में कौन हटा-कौन डटा?

जयपुर न्यूज़ डेस्क राजस्थान विधानसभा चुनाव में गुरुवार का दिन बेहद अहम है. नामांकन हो चुके हैं, स्क्रूटनी भी हो चुकी है और अब नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन आ गया है. राज्य में मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहा है. इस बार पहली लिस्ट बीजेपी की ओर से आई और उसके बाद से बगावत की ऐसी लहर उठी कि आखिरी लिस्ट तक जारी रही. यही हाल कांग्रेस का भी था. जहां बगावत कई सीटों पर समीकरण बिगाड़ रही है.नामांकन वापसी के पहले दिन दोनों पार्टियां प्रमुख सीटों पर बागियों को नहीं मना सकीं. राज्य में बीजेपी के 37 और कांग्रेस के 40 बागी मैदान में हैं.
इनमें कांग्रेस के 13 और बीजेपी के 16 बड़े नेता भी शामिल हैं.चित्तौड़गढ़ से बीजेपी के बागी आक्या को मनाने की कोशिशें तेजटिकट की घोषणा के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी पहली बार चित्तौड़गढ़ पहुंचे. जोशी ने कहा- मुझे गाली दो, मेरे घर पर पत्थर फेंको, लेकिन पार्टी को कुछ मत कहना. पार्टी हमारी मां है. मैं यह सब सहन कर सकता हूं. मेरी हाथ जोड़कर विनती है कि मैं सब कुछ भूलने को तैयार हूं. हम सब मिलकर पार्टी के लिए काम करते हैं. इस दौरान जोशी ने पार्टी से बगावत करने वाले विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनके विरोध के जवाब में उन्होंने सब कुछ भूलकर पार्टी के लिए काम पर लौटने की बात कही.
टिकट घोषणा के बाद पहली बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी चित्तौड़गढ़ पहुंचे.
मंत्री बरजोड़ को मनाने आये, लेकिन फैसला नहीं बदलाडूंगरपुर जिले के चौरासी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के बागी को मनाने के लिए कांग्रेस नेता उनके घर पहुंचे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. यहां कांग्रेस के पूर्व सांसद और पूर्व जिला प्रमुख ताराचंद भगोरा मैदान में हैं. वहीं, टिकट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस के प्रदेश महासचिव महेंद्र बरजोड़ ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है.कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया, एआईसीसी सचिव दिनेश खोडनिया, प्रत्याशी ताराचंद भगोरा, जिला अध्यक्ष वल्लभराम पाटीदार समेत कई कांग्रेस नेता महेंद्र बरजोड़ को मनाने पहुंचे. वह एक और मौका मिलने की बात करते हुए मान गए, लेकिन बरजोड़ अपनी जिद पर अड़े रहे और उन्हें चुनाव लड़ने की चुनौती दी.