राजस्थान में निकाय चुनाव कब होंगे? सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, आ सकता है बडा फैसला
राजस्थान में नगर निगम चुनाव कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर कल सुनवाई होगी। कांग्रेस नेता संयम लोढ़ा ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। गौरतलब है कि 14 नवंबर को राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 15 अप्रैल, 2026 तक चुनाव कराने का आदेश दिया था। अब कांग्रेस नेता ने कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है, जिसमें तुरंत चुनाव कराने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, नगर निकायों का कार्यकाल खत्म होने से पहले नए चुनाव कराना जरूरी है। हालांकि, राज्य में 52 शहरी निकायों का कार्यकाल एक साल से ज्यादा समय पहले खत्म हो चुका है, और अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं।
"यह संविधान का उल्लंघन है।"
याचिका में कहा गया है कि सरकार ने समय पर चुनाव कराने के बजाय नगर निकायों में एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर दिए हैं। यह संविधान का उल्लंघन है। इसके अलावा, हाई कोर्ट ने अपने ऑर्डर में राजस्थान म्युनिसिपल एक्ट, 2009 के सेक्शन 7 और 11 को नज़रअंदाज़ कर दिया, जिसमें साफ़ तौर पर कहा गया है कि टर्म खत्म होने के बाद कोई और समय नहीं दिया जा सकता।
हाई कोर्ट ने पहले क्या कहा था?
ध्यान देने वाली बात है कि एक्टिंग चीफ जस्टिस एस.पी. शर्मा की डिवीजन बेंच ने पूर्व MLA संयम लोढ़ा और गिरिराज सिंह देवंदा समेत अन्य की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 15 अप्रैल, 2026 तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सरकार पंचायत और म्युनिसिपल बॉडी दोनों के चुनाव एक साथ कराए और 31 दिसंबर, 2025 तक डिलिमिटेशन प्रोसेस पूरा करे।
सरकार ने दलील दी थी कि राज्य में “एक राज्य, एक चुनाव” के कॉन्सेप्ट पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए एक हाई-लेवल कमेटी बनाई जाएगी। सरकार के मुताबिक, इसका मकसद लोकल इंस्टीट्यूशन को मज़बूत बनाते हुए समय, पैसा और रिसोर्स बचाना होगा।
