Aapka Rajasthan

आखिर क्या है 48000 करोड़ का वो घोटाला जिसमे फंसे पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ? मामले में अबतक दर्जनों लोग गिरफ्तार

 
आखिर क्या है 48000 करोड़ का वो घोटाला जिसमे फंसे पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ? मामले में अबतक दर्जनों लोग गिरफ्तार

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के बेहद लोकप्रिय नेता प्रताप सिंह खाचरियावास और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम मंगलवार को छापेमारी कर रही है। जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान में करीब 20 ठिकानों पर यह तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। ईडी की यह छापेमारी देश के सबसे बड़े पीएसीएल चिटफंड से जुड़ी है।

कांग्रेस के बड़े नेता हैं प्रताप सिंह खाचरियावास
प्रताप सिंह खाचरियावास भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता हैं, जो राजस्थान सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वे अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्रियों में से एक रहे हैं। इस चिटफंड घोटाले के तार पंजाब, बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल समेत दर्जनों राज्यों से जुड़े हैं। इस चिटफंड घोटाले का मामला देश का सबसे बड़ा चिटफंड घोटाला माना जा रहा है।

'जानते हैं इस सरकार से कैसे पेश आना है'
छापेमारी को लेकर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, 'वे जांच करने आए हैं। ईडी खुद जांच करने आई है। मुझे पता है कि इस सरकार से कैसे पेश आना है। प्रताप सिंह को डर नहीं है। यह डबल इंजन की सरकार है। उन्होंने ईडी को भेजा है। मुझे कोई नोटिस नहीं दिया गया। आप अचानक तलाशी लेने आ गए? यह कोई चिटफंड का मामला नहीं है। उन्हें शर्म नहीं आ रही है कि वे भैरों सिंह शेखावत के छोटे भाई के घर तलाशी ले रहे हैं। जब ईडी ने मेरे नेता राहुल गांधी को बुलाया है, तो मैं तो बस एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। हम तलाशी करवाएंगे।'

सीबीआई ने दर्जनों लोगों को किया गिरफ्तार
सीबीआई ने इस मामले में अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। अगर इस मामले की बात करें तो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने करीब 18 साल में निवेशकों से कम से कम करीब 49,100 हजार करोड़ रुपये अवैध तरीके से इकट्ठा करने के आरोप में पीएसीएल कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसी वजह से इस मामले को भारत की सबसे बड़ी चिटफंड डकैती भी कहा जाता है।

ईडी ने सीबीआई से केस अपने हाथ में लिया

पीएसीएल कंपनी का गठन वर्ष 1982 में हुआ था। हालांकि, इस कंपनी द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण वर्ष 2025 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 19 फरवरी 2014 को सीबीआई ने यह केस दर्ज किया था। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, पीएसीएल चिटफंड कंपनी के चेयरमैन और सीएमडी समेत दर्जनों अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर इस केस को केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अपने हाथ में ले लिया था।