क्या होती है लू और यह किन प्राकृतिक कारणों से चलती है? वीडियो में जानिए गर्मी की इस भयावह हवा के पीछे का विज्ञान
इस समय उत्तर भारत में गर्मी ने अपना प्रकोप बरसाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में मैदानी इलाकों में पारा 40 डिग्री को पार कर रहा है। वहीं, बढ़ते तापमान के साथ-साथ भारत के कुछ राज्यों से लू चलने की खबरें भी आ रही हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि आखिर लू क्या होती है और इसके होने के क्या कारण हैं। अगर नहीं, तो इस लेख के जरिए हम इस बारे में जानेंगे।
लू क्या है
लू गर्मियों में चलने वाली एक बहुत गर्म, शुष्क और तेज हवा है, जो खास तौर पर उत्तर भारत, मध्य भारत और पश्चिमी भारत में महसूस की जाती है।यह हवा इतनी गर्म होती है कि अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक इसके संपर्क में रहे, तो उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिसे "लू लगना" या हीट स्ट्रोक कहा जाता है।
कब और कहां चलती है लू
समय: अप्रैल से जून के बीच, खास तौर पर दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक।
स्थान: उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और पंजाब आदि। तापमान: जब किसी क्षेत्र का अधिकतम दिन का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर पहुँच जाता है, तो उसे हीट वेव की स्थिति माना जाता है।
इसके अलावा
वे कौन से कारण हैं जिनकी वजह से हीट वेव चलती है?
हीट वेव के पीछे मौसम के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण हैं:
तेज़ धूप और गर्मी (हीट एनर्जी):
गर्मियों में सूरज की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, जिसकी वजह से ज़मीन की सतह बहुत तेज़ी से गर्म होती है।
कम आर्द्रता:
गर्मियों में हवा में नमी की मात्रा बहुत कम होती है। इस वजह से हवा शुष्क हो जाती है।
गर्म ज़मीन से उठती गर्म हवा:
जब गर्म ज़मीन से ऊपर उठती गर्म हवा तेज़ी से बहने लगती है, तो वही हवा हीट वेव के रूप में महसूस होती है।
रेतीले और शुष्क क्षेत्र:
राजस्थान और बुंदेलखंड जैसे शुष्क क्षेत्र जल्दी गर्म हो जाते हैं, जिसके कारण वहां से उठने वाली गर्म हवा आसपास के इलाकों में भी फैल जाती है।
हीट स्ट्रोक का क्या असर होता है
-शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
-चक्कर आना, सिरदर्द, थकान
-उल्टी या बेहोशी
-हीट स्ट्रोक - जो जानलेवा भी हो सकता है
हीट स्ट्रोक से कैसे बचें
| क्या करें |
क्या न करें |
| खूब पानी पिएं |
खाली पेट धूप में न निकलें |
| छाता, टोपी या गमछा इस्तेमाल करें |
दोपहर में धूप में खेलने या मेहनत करने से बचें |
| ताजे फल, खीरा, नींबू पानी लें |
तली-भुनी या बहुत गरम चीजें न खाएं |
