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Jaipur गहलोत से अनबन के सवाल पर क्या बोले पायलट? जानें

 
Jaipur गहलोत से अनबन के सवाल पर क्या बोले पायलट? जानें

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपनी पुरानी दुश्मनी का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने अपना आपा नहीं खोया है. मर्यादा और शालीनता बनाए रखी और बड़े दिल से आगे बढ़ने का फैसला किया.वैभव गहलोत के जालोर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के सवाल पर पायलट ने कहा कि मैं जालोर जाऊंगा और उनके लिए प्रचार करूंगा. एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में पायलट ने गहलोत और उनके बीच पुरानी दुश्मनी के बारे में भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, कड़वाहट भुलाकर आगे बढ़ना पार्टी के हित में है.

2019 में वैभव के टिकट के लिए मैंने भी कोशिश की थी

पायलट ने कहा कि मैं जालोर जाकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के लिए प्रचार करूंगा. उन्होंने कहा- जब मैं 2019 में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था, तब मैंने वैभव को टिकट दिलाने के लिए दिल्ली से कोशिश की थी. मैं भी उनके नामांकन में गया था. मैंने उनके लिए प्रचार किया. हालांकि, तब वह चुनाव हार गए थे। इस बार वह जालोर से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार भी मैं उनके लिए प्रचार करूंगा.

मैंने बड़े दिल से आगे बढ़ने का फैसला किया

जब पायलट से पूछा गया कि 2020 में पूर्व सीएम गहलोत ने उन्हें निकम्मा कहा था. क्या वह गहलोत से मतभेद सुलझा पाएंगे? इस पर पायलट ने कहा-गहलोत को उन्हीं की भाषा में जवाब देने में मुझे कोई फायदा नजर नहीं आता. मैंने अपना आपा नहीं खोया, गरिमा और शालीनता बनाए रखी।' सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैंने बड़े दिल से आगे बढ़ने का फैसला किया है।' यह पार्टी, हमारे राज्य और मेरे लिए अच्छा है। पायलट ने कहा- आज मैं उसे याद करके गर्व से कह सकता हूं कि मैंने सार्वजनिक जीवन में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जो पद और प्रतिष्ठा के विपरीत हों. मुझे बचपन से सिखाया गया कि परिस्थितियाँ कैसी भी हों, बड़ों का सम्मान करना चाहिए और मैंने हमेशा इसका पालन किया है।

इस दौरान उन्होंने दिल्ली में हुई मुलाकात का भी जिक्र किया और कहा- मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ बैठा. मुझसे कहा गया कि जो हुआ उसे भूल जाओ और आगे बढ़ो। मैंने भी यही किया. ये समय की मांग है और यही पार्टी और राजस्थान के लिए सही है.

हमारे चुनाव नहीं लड़ने का सीईसी का फैसला

जब पायलट से पूछा गया कि वह और अशोक गहलोत इस बार चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं? इस पर पायलट ने कहा- यह फैसला केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने लिया है. सीईसी ने चुनाव में सभी की भूमिका को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है. मुझे छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है. कई युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने के सवाल पर पायलट ने कहा- ये तो उन्हीं से पूछना पड़ेगा. किसी ने मजबूरी में ऐसा किया होगा तो किसी ने लालच में. हर किसी की अलग-अलग विचारधारा और दूसरा रास्ता चुनने का कारण होता है।