राजस्थान में कमजोर पड़ा मौसमी तंत्र, अधिकांश इलाकों को भारी बारिश से राहत की उम्मीद
राज्य में पिछले कई दिनों से सक्रिय मौसमी तंत्र अब धीरे-धीरे कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। लगातार भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालातों के बाद अब मौसम में कुछ राहत के संकेत दिखाई दे रहे हैं। मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के ऊपर बना अवदाब (Depression) अब कमजोर होकर "वेल मार्क्ड लो प्रेशर एरिया" में तब्दील हो चुका है।
यह सिस्टम फिलहाल दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान से सटे इलाकों के ऊपर स्थित है, जिससे इसका प्रभाव सीमित होता जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर ने जानकारी दी है कि अब राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की संभावना कम हो गई है और कई जिलों में मौसम शुष्क बना रह सकता है।
जैसलमेर और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना
हालांकि जैसलमेर और उससे सटे कुछ पश्चिमी हिस्सों में आज हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना बनी हुई है। स्थानीय स्तर पर बादल छाए रहने और बूंदाबांदी के आसार हैं, लेकिन व्यापक और मूसलाधार बारिश की कोई चेतावनी नहीं दी गई है। इससे इन क्षेत्रों में अभी भी सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है।
अधिकांश जिलों में मौसम रहेगा साफ
जयपुर, अजमेर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और भरतपुर जैसे संभागों में आज मौसम आमतौर पर साफ या आंशिक रूप से बादल छाए रहने की स्थिति में रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 से 48 घंटों के दौरान प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में और गिरावट देखने को मिलेगी।
कृषि और जनजीवन के लिए राहत
इस मौसमी बदलाव से किसानों और आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। बीते दिनों भारी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया था और कई इलाकों में जलभराव, सड़कों के टूटने और यातायात बाधित होने जैसी समस्याएं सामने आई थीं। कमजोर हुए मौसमी तंत्र से अब सामान्य जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट सकता है।
प्रशासन सतर्क, लेकिन राहत की तैयारी
राज्य सरकार और जिला प्रशासन अब राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जलभराव वाले इलाकों में पानी निकासी का काम जारी है और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की जा रही है। साथ ही प्रशासन ने चेताया है कि मौसम में बदलाव के बावजूद सतर्कता जरूरी है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर अचानक बारिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
