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“हम अपनी चमड़ी और अपनी दमड़ी दोनों दांव पर लगाने को तैयार, मदन राठौड़ के दमदार भाषण का सामने आया वीडियो

“हम अपनी चमड़ी और अपनी दमड़ी दोनों दांव पर लगाने को तैयार, मदन राठौड़ के दमदार भाषण का सामने आया वीडियो
 
“हम अपनी चमड़ी और अपनी दमड़ी दोनों दांव पर लगाने को तैयार, मदन राठौड़ के दमदार भाषण का सामने आया वीडियो

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को साफ शब्दों में संदेश देते हुए कहा है कि “हम अपनी चमड़ी, अपनी दमड़ी से राजनीति करने वाले लोग हैं, हमसे लाभ की बात मत करें, हमारे सामने त्याग की बात करो, सेवा की बात करो।” राठौड़ का यह बयान उन नेताओं के लिए था जो राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं और लाभ की अपेक्षा रखते हैं।

प्रदेश अध्यक्ष का यह बयान न केवल एक विचारधारा को दर्शाता है, बल्कि पार्टी के भीतर उन नेताओं को नसीहत भी है जो पद और प्रतिष्ठा की चाह में संगठन के मूल सिद्धांतों से भटक सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा में राजनीति का आधार सेवा और समर्पण है, न कि स्वार्थ और पदलाभ।

मंत्री पद को लेकर दिया तीखा जवाब

राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्री पद के दर्जे को लेकर जब राठौड़ से सवाल किया गया तो उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में, लेकिन गंभीर संदेश के साथ जवाब दिया –
“सभी को दर्जा ही दर्जा है।”
इस टिप्पणी से उन्होंने यह संकेत दिया कि हर कार्यकर्ता का महत्व है और किसी को दर्जा देने या न देने से उनकी भूमिका कम नहीं होती। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया कि संगठन में सबका योगदान समान रूप से महत्वपूर्ण है।

पदलालचियों को चेतावनी

पार्टी के भीतर कुछ समय से यह चर्चा थी कि कई वरिष्ठ नेता राजनीतिक नियुक्तियों के लिए दबाव बना रहे हैं। राठौड़ के इस बयान को उन चर्चाओं के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यह भी दर्शाया कि भाजपा की राजनीति स्वार्थ नहीं, संघर्ष और सेवा से चलती है। उनका यह बयान संगठनात्मक अनुशासन को बनाए रखने की दिशा में एक सख्त और स्पष्ट संदेश है।

कार्यकर्ताओं में उत्साह, नेतृत्व में दृढ़ता

राठौड़ के बयान के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा गया। सोशल मीडिया पर भी इसे काफी सराहा गया, जहां कई समर्थकों ने इसे “भाजपा की मूल विचारधारा की पुनर्पुष्टि” बताया। इससे यह भी जाहिर हुआ कि पार्टी नेतृत्व संगठन को लाभ-लोभी राजनीति से दूर रखना चाहता है और कार्यकर्ताओं में सेवा भावना को प्राथमिकता देना चाहता है।