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बीसलपुर बांध में बढ़ा जलस्तर! सावन की पहली बारिश ने लौटाई मुस्कान, अब छलकने से चाँद कदम दूर है बांध

 
बीसलपुर बांध में बढ़ा जलस्तर! सावन की पहली बारिश ने लौटाई मुस्कान, अब छलकने से चाँद कदम दूर है बांध 

जयपुर समेत चार शहरों के बाशिंदों की प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध फिर से खुशियाँ लाने लगा है। शुक्रवार को बांध के जलग्रहण क्षेत्र में एक इंच बारिश होने से बांध के छलकने की उम्मीदें फिर बढ़ने लगी हैं। इस बार राज्य में तय समय से पहले मानसून के प्रवेश ने बांध में भरपूर पानी की बहार ला दी है। जल संसाधन विभाग ने इस मानसून सीजन में लगातार दूसरे साल बांध के छलकने की उम्मीद जताई है।

बांध में पानी की आवक बढ़ी

बीसलपुर बांध में पानी की आवक भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिलों से होती है। दोनों जिलों में बारिश धीमी होने से त्रिवेणी संगम में पानी का प्रवाह अब 2.70 मीटर पर चल रहा है। इस मानसून सीजन में त्रिवेणी संगम में पानी का प्रवाह भी 7 मीटर से अधिक दर्ज किया गया है। बांध की स्काडा रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार सुबह बीसलपुर बांध का जलस्तर 313.95 आरएल मीटर दर्ज किया गया। अब तक बांध में 71.66 प्रतिशत पानी की आवक हो चुकी है।

मानसून फिर हुआ सक्रिय
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य के पूर्वी इलाकों की ओर सक्रिय है। वहीं, आने वाले दिनों में दक्षिणी भागों में फिर से मानसून की सक्रियता बढ़ने की संभावना है। बीसलपुर बांध पर शुक्रवार को एक इंच बारिश हुई, जबकि शनिवार सुबह भी बांध पर बादलों की आवाजाही रही। इस मानसून सीजन में अब तक बांध के जलग्रहण क्षेत्र में 343 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है।

बांध अभी 1.55 आरएल मीटर खाली
जयपुर की जीवनरेखा बीसलपुर बांध में अब तक पूर्ण भराव क्षमता का 71.66 प्रतिशत पानी संग्रहित हो चुका है। शनिवार सुबह बांध का जलस्तर 313.95 आरएल मीटर दर्ज किया गया। वहीं, बांध अभी भी अपनी पूर्ण भराव क्षमता से 1.55 मीटर खाली है। बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। जब बांध पूरी तरह भर जाता है, तो सिंचाई के लिए नहरों में भी पानी छोड़ा जाता है।

बांध अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है।
निर्माण के बाद पहली बार 2004 में इसके गेट खोले गए थे।
बांध दूसरी बार 2006 में ओवरफ्लो हुआ था।
बांध के गेट तीसरी बार 2014 में खोले गए थे।
बांध के गेट 2016 में भी खोले गए थे।
बांध के 17 गेट 2019 में खोले गए थे।
बांध 2022 में भी ओवरफ्लो हुआ था।
बांध 2024 में सातवीं बार ओवरफ्लो हुआ था।