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वीडियो में देखें पुतिन की भारत यात्रा से एक दिन पहले लोकसभा में गुंजा रूस में फंसे 61 भारतीयों का मामला, बेनीवाल ने की सुरक्षित वतन वापसी की मांग

वीडियो में देखें पुतिन की भारत यात्रा से एक दिन पहले लोकसभा में गुंजा रूस में फंसे 61 भारतीयों का मामला, बेनीवाल ने की सुरक्षित वतन वापसी की मांग
 
वीडियो में देखें पुतिन की भारत यात्रा से एक दिन पहले लोकसभा में गुंजा रूस में फंसे 61 भारतीयों का मामला, बेनीवाल ने की सुरक्षित वतन वापसी की मांग

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत का दौरा करेंगे — उनकी यात्रा से एक दिन पहले, बुधवार को लोकसभा के शून्यकाल में एक संवेदनशील और विवादित मामला उठा। हनुमान बेनीवाल, नागौर से सांसद एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) प्रमुख ने कहा कि रूस में अध्ययन व वर्क वीजा पर गए करीब 61 भारतीय नागरिकों को कथित रूप से धोखे से युद्ध-क्षेत्र में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से इन युवकों की तुरन्त और सुरक्षित भारत वापसी कराने की मांग की है। 

 क्या कहा गया लोकसभा में

हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में कहा कि ये नागरिक — जिनमें राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों के युवक शामिल हैं — शुरुआत में रोजगार या सामान्य काम का झांसा देकर रूस भेजे गए थे। लेकिन वहां मौजूद एजेंटों ने उन्हें झांसे में लेकर युद्ध मोर्चे पर भेज दिया। उन्होंने बताया कि उन प्रभावित युवकों के परिवारों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कई महीनों से उनका उनके प्रियजनों से कोई संपर्क नहीं हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि इन युवकों ने कभी खुद से युद्ध में भाग लेने की सहमति नहीं दी थी। ऐसे में यह केंद्र और विदेश मंत्रालय के लिए संजीदा मामला बन जाता है। 

पृष्ठभूमि — भारत की डिप्लोमैटिक चुनौतियां

वर्तमान में, भारत ने स्वीकार किया है कि रूस की सेना में करीब 44 भारतीय नागरिक तैनात हैं। केंद्र ने रूस से इनकी रिहाई और वापसी की कोशिशें तेज कर दी हैं। 

कई बाध्यताग्रस्त युवाओं ने दावा किया है कि उन्हें छात्र या वर्क वीजा पर रूस ले जाया गया, लेकिन बाद में उन्हें जबरन भर्ती कर लिया गया। इस तरह के दगाबाजी और एजेंसी नेटवर्क को भारत की विदेश नीति और नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है। 

🏛️ अब सरकार पर बढ़ा दबाव

हनुमान बेनीवाल ने मांग की कि —

  • इन 61 युवकों का सम्पूर्ण डेटा सार्वजनिक किया जाए,

  • विदेश मंत्रालय तुरंत रूस सरकार से संपर्क कर उन्हें युद्ध-क्षेत्र से बाहर लाने की पहल करे,

  • और भारत लौटने पर उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो।

उनका यह कहना था कि इन युवकों के परिवारों की बेचैनी चरम पर है, और यदि सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो कई जिंदगियाँ प्रभावित हो सकती हैं। 

📌 क्यों अहम है यह मामला

यह घटना न सिर्फ मानवाधिकारों का सवाल है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत–रूस संबंधों की संवेदनशीलता को भी उजागर करती है। क्योंकि—

  • रूस के राष्ट्रपति की यात्रा से पहले यह मामला दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सुरक्षा दृष्टिकोण के लिए चुनौती बन सकता है।

  • भारत में विदेश में रोजगार या अध्ययन की चाह रखने वाले युवाओं के लिए यह चेतावनी है; एजेंटों और फ्रॉड नेटवर्क से सतर्क रहने की ज़रूरत है।

  • नागरिकों की सुरक्षा, ट्रैफिकिंग और जबरन भर्ती के मामलों में सरकार की जवाबदेही भी सामने आती है।