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वीडियो में देखें रणथंभौर में रोमांच और दहशत का नजारा, टूरिस्ट जिप्सी के पास पहुंचे बाघिन और दो बाघ, 15 मिनट तक थमी रहीं सांसें

वीडियो में देखें रणथंभौर में रोमांच और दहशत का नजारा, टूरिस्ट जिप्सी के पास पहुंचे बाघिन और दो बाघ, 15 मिनट तक थमी रहीं सांसें
 
वीडियो में देखें रणथंभौर में रोमांच और दहशत का नजारा, टूरिस्ट जिप्सी के पास पहुंचे बाघिन और दो बाघ, 15 मिनट तक थमी रहीं सांसें

सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में गुरुवार सुबह पर्यटकों को रोमांच और दहशत से भरा एक दुर्लभ नजारा देखने को मिला। जंगल भ्रमण पर निकले पर्यटकों की जिप्सी के बेहद करीब एक बाघिन और उसके दो शावक आ पहुंचे। करीब 15 मिनट तक बाघिन और दोनों बाघ जिप्सी के आसपास घूमते रहे, जिससे वहां मौजूद पर्यटकों की सांसें अटक गईं। हालांकि कुछ देर बाद तीनों जंगल की ओर लौट गए, तब जाकर पर्यटकों ने राहत की सांस ली।

जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह रणथंभौर दुर्ग क्षेत्र में बाघिन रिद्धि अपने दो शावकों के साथ नजर आई। यह इलाका दुर्ग के गेट, जोगी महल और त्रिनेत्र गणेश मंदिर के रास्ते के पास स्थित है, जहां से होकर बड़ी संख्या में पर्यटक जंगल सफारी के लिए गुजरते हैं। सुबह के समय जैसे ही बाघिन और उसके शावक दिखाई दिए, जंगल की ओर जा रहे पर्यटक उन्हें देखने के लिए रुक गए।

इसी दौरान बाघिन रिद्धि अपने दोनों शावकों के साथ धीरे-धीरे टूरिस्ट की जिप्सी के पास आ गई। अचानक इतने नजदीक बाघों को देखकर जिप्सी में बैठे पर्यटक सहम गए। बताया जा रहा है कि करीब 15 मिनट तक बाघिन और उसके दोनों शावक जिप्सी के आसपास चहलकदमी करते रहे। इस दौरान किसी ने भी शोर नहीं मचाया और पर्यटक पूरी तरह शांत रहे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाघिन रिद्धि कभी रणथंभौर दुर्ग के गेट के पास बैठ जाती, तो कभी वहां रखी चारपाई के पास जाकर खड़ी हो जाती। कभी वह दीवार पर चढ़ती नजर आई, तो कभी सीढ़ियों से उतरकर दीवार पर बैठ गई। उसके दोनों शावक भी उसके आसपास ही घूमते रहे। यह दृश्य जितना रोमांचक था, उतना ही डरावना भी, क्योंकि बाघों की हल्की सी भी आक्रामक हरकत बड़ा हादसा कर सकती थी।

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रणथंभौर में बाघों की मूवमेंट इस क्षेत्र में सामान्य है, लेकिन पर्यटकों की जिप्सी के इतने पास आना एक दुर्लभ घटना मानी जाती है। गाइड और ड्राइवर की सूझबूझ से स्थिति नियंत्रण में रही और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई। पर्यटकों ने वन विभाग के निर्देशों का पालन करते हुए वाहन के अंदर ही रहना सुरक्षित समझा।

करीब 15 मिनट बाद बाघिन रिद्धि ने अपने दोनों शावकों के साथ जंगल की ओर रुख किया और तीनों धीरे-धीरे घने जंगल में ओझल हो गए। इसके बाद ही पर्यटकों ने राहत की सांस ली और सफारी आगे बढ़ी।

इस घटना के बाद रणथंभौर में आए पर्यटकों के बीच यह अनुभव चर्चा का विषय बन गया है। कई पर्यटकों ने इसे जीवन का सबसे रोमांचक पल बताया। वहीं, वन विभाग ने एक बार फिर पर्यटकों से अपील की है कि सफारी के दौरान नियमों का पालन करें, वाहन से न उतरें और वन्यजीवों को छेड़ने या उनके रास्ते में बाधा डालने से बचें।

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या और उनकी सक्रियता जहां एक ओर संरक्षण की सफलता को दर्शाती है, वहीं इस तरह की घटनाएं जंगल सफारी को और भी रोमांचक बना देती हैं।