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वीडियो में देखें उस दीवार की रोचक कहानी जिसको बनने में लगे थे पूरे 15 साल, कहलाती है 'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया'

वीडियो में देखें उस दीवार की रोचक कहानी जिसको बनने में लगे थे पूरे 15 साल, कहलाती है 'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया'
 
वीडियो में देखें उस दीवार की रोचक कहानी जिसको बनने में लगे थे पूरे 15 साल, कहलाती है 'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया'

राजस्थान की शान और मेवाड़ की वीरता की पहचान है कुंभलगढ़ किला, जिसकी एक खास बात है – इसकी 36 किलोमीटर लंबी दीवार, जिसे 'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया' के नाम से जाना जाता है। ये दीवार ना केवल स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि इसके पीछे की रोचक कहानी हर भारतवासी को गर्व से भर देती है।

15 साल तक चला निर्माण कार्य

इस भव्य दीवार का निर्माण कार्य 1433 ई. में शुरू हुआ और पूरा होने में करीब 15 साल का समय लगा। इसे मेवाड़ के पराक्रमी शासक राणा कुंभा ने बनवाया था। निर्माण में करीब 4000 कारीगर दिन-रात जुटे रहे। पहाड़ों पर स्थित इस किले की सुरक्षा के लिए इतनी लंबी और मजबूत दीवार बनाई गई कि दुश्मन चाहकर भी इसे भेद नहीं पाए।

इतनी चौड़ी कि 8 घोड़े एक साथ दौड़ सकें

इस दीवार की विशेषता यह है कि यह इतनी चौड़ी है कि एक साथ 8 घोड़े उस पर दौड़ सकते हैं। यह दीवार पहाड़ियों, जंगलों और घाटियों के बीच इस तरह फैली है कि यह दुर्ग को चारों तरफ से अभेद्य बनाती है। इसी कारण यह सदियों तक अजेय रहा।

क्यों कहा जाता है 'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया'?

जिस प्रकार चीन की ग्रेट वॉल दुश्मनों को रोकने के लिए बनाई गई थी, उसी तरह कुंभलगढ़ की दीवार ने राजपूतों के स्वाभिमान और भूमि की रक्षा में अहम भूमिका निभाई। इसकी लंबाई, मजबूती और रणनीतिक निर्माण इसे भारत की सबसे महान रक्षात्मक दीवारों में शामिल करता है – और इसीलिए इसे 'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया' कहा जाता है।

भैरव मुनि की बलिदान कथा

दीवार के निर्माण के दौरान यह कहा जाता है कि बार-बार दीवार गिर जाती थी। तब भैरव मुनि नामक संत ने स्वेच्छा से बलिदान दिया। जहां उनका सिर गिरा, वहां 'भैरव पोल' बनाई गई। इस बलिदान के बाद ही निर्माण कार्य बिना किसी बाधा के पूरा हो पाया।

दीवार का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व

कुंभलगढ़ किला और इसकी दीवार न केवल मेवाड़ के इतिहास का हिस्सा हैं, बल्कि यह भारतीय स्वाभिमान, स्वतंत्रता और वीरता की प्रतीक भी हैं। यहीं पर महाराणा प्रताप का जन्म हुआ – जो मुगलों के आगे कभी नहीं झुके।