Aapka Rajasthan

वीडियो में देखें अपराधियों की पूरी क्राइम कुंडली अब पलभर में स्क्रीन पर, राजस्थान पुलिस ने NAFIS से बदली जांच की तस्वीर

वीडियो में देखें अपराधियों की पूरी क्राइम कुंडली अब पलभर में स्क्रीन पर, राजस्थान पुलिस ने NAFIS से बदली जांच की तस्वीर
 
वीडियो में देखें अपराधियों की पूरी क्राइम कुंडली अब पलभर में स्क्रीन पर, राजस्थान पुलिस ने NAFIS से बदली जांच की तस्वीर

अब चोरी, डकैती, लूट या हत्या जैसे संगीन अपराधों को अंजाम देकर फरार हुए बदमाशों की पहचान करना पुलिस के लिए कहीं आसान हो गया है। राजस्थान पुलिस ने नेशनल ऑटोमैटिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम यानी NAFIS को प्रभावी रूप से लागू कर अपराध जांच के क्षेत्र में बड़ी तकनीकी छलांग लगाई है। इस अत्याधुनिक सिस्टम के जरिए किसी भी अपराधी की पूरी क्राइम कुंडली महज कुछ ही सेकंड में पुलिस की स्क्रीन पर उपलब्ध हो जाएगी।

NAFIS के माध्यम से बदमाश का नाम, घर का पता, लेटेस्ट फोटो, मोबाइल नंबर, आपराधिक इतिहास और व्यवहार से जुड़ी अहम जानकारियां तुरंत सामने आ सकेंगी। इतना ही नहीं, यह सिस्टम यह भी बताएगा कि आरोपी का स्वभाव कैसा है—वह कितना गुस्सैल है, नशे का आदी है या नहीं, और पहले किसी गंभीर अपराध, जैसे हत्या या अन्य हिंसक वारदात में शामिल रहा है या नहीं।

राजस्थान पुलिस प्रदेशभर में गिरफ्तार किए गए अपराधियों का व्यापक बायोमेट्रिक और पर्सनल डेटा डिजिटल रूप से संकलित कर रही है। इसमें फिंगरप्रिंट, हथेलियों के निशान, फुटप्रिंट इंप्रेशन, फोटो, आइरिस और रेटिना स्कैन, डीएनए प्रोफाइल, हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग तक शामिल है। यह पूरा डेटा एक विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से NAFIS प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा रहा है, जिससे किसी भी स्तर पर पहचान और सत्यापन आसान हो सके।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, NAFIS की मदद से अब तक कई ब्लाइंड केस सुलझाए जा चुके हैं, जिनमें पहले कोई ठोस सुराग नहीं मिल पा रहा था। अपराध स्थल से मिले फिंगरप्रिंट या अन्य बायोमेट्रिक संकेतों को सिस्टम में मौजूद डाटा से मिलान कर आरोपी तक पहुंचना संभव हो पाया है।

इस सिस्टम को और प्रभावी बनाने के लिए राजस्थान पुलिस अब एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। नए साल से अपराधियों के बिहेवियर डेटा को भी रिकॉर्ड किया जाएगा। खासतौर पर ब्रूटल मर्डर और नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों में शामिल आरोपियों की मानसिकता, हिंसक प्रवृत्ति और व्यवहारिक पैटर्न को डेटाबेस में शामिल किया जाएगा। इससे भविष्य में ऐसे अपराधों की रोकथाम और प्रोफाइलिंग में मदद मिलने की उम्मीद है।

फिलहाल NAFIS को प्रदेशभर में जिला पुलिस मुख्यालयों सहित कुल 54 स्थानों पर इंस्टॉल किया जा चुका है। पुलिस का लक्ष्य है कि अगले साल तक इसे राजस्थान के हर पुलिस थाने में स्थापित किया जाए, ताकि जांच और अपराध नियंत्रण को और अधिक मजबूत किया जा सके।