वीडियो में देखें कोटा के हैंगिंग ब्रिज पर वसुंधरा राजे का काफिला रोका, गोरक्षकों ने उठाया मृत गायों के निस्तारण का मुद्दा
कोटा में रविवार दोपहर उस समय राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल मच गई, जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफिले को गोरक्षकों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मशहूर हैंगिंग ब्रिज पर रोक लिया। यह घटना कोटा–चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे पर दोपहर करीब 1 बजे की है। गोरक्षकों ने करीब 20 मिनट तक वसुंधरा राजे को मौके पर रोके रखा और शहर में मृत गायों के निस्तारण की समस्या को लेकर नाराजगी जताई।
जानकारी के अनुसार, गोरक्षक और बजरंग दल के कार्यकर्ता कोटा शहर में मृत गायों के उचित निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने से लंबे समय से परेशान हैं। इसी मुद्दे को लेकर वे पदयात्रा निकाल रहे थे। इसी दौरान जब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का काफिला हैंगिंग ब्रिज से गुजर रहा था, तब कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोककर अपनी बात रखी।
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, शुरुआत में माहौल कुछ तनावपूर्ण रहा, लेकिन वसुंधरा राजे ने स्वयं वाहन से उतरकर गोरक्षकों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। वसुंधरा राजे ने वहीं से जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को फोन कर स्थिति की जानकारी दी और मृत पशुओं के निस्तारण को लेकर जल्द और प्रभावी प्रशासनिक कदम उठाने के निर्देश दिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गायों से जुड़ा विषय बेहद संवेदनशील है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम और संबंधित विभाग आपसी समन्वय से व्यवस्था सुधारें, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने।
इस घटनाक्रम के दौरान हैंगिंग ब्रिज और आसपास के इलाके में कुछ समय के लिए ट्रैफिक बाधित हो गया। नेशनल हाईवे पर वाहनों की कतारें लग गईं और जाम जैसी स्थिति बन गई। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में स्थिति को जल्द ही नियंत्रित कर लिया गया और यातायात को सुचारु रूप से चालू कराया गया।
बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे झालावाड़ से जयपुर की ओर जा रही थीं। रास्ते में अचानक हुए इस घटनाक्रम के बावजूद उन्होंने धैर्य बनाए रखा और गोरक्षकों की बात गंभीरता से सुनी, जिसकी मौके पर मौजूद लोगों ने भी सराहना की।
घटना के बाद गोरक्षकों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन अब इस समस्या का स्थायी समाधान करेगा। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मृत पशुओं के निस्तारण को लेकर व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
