Aapka Rajasthan

वीडियो में देखें दौसा में बिजली विजिलेंस टीम को ग्रामीणों ने घेरा, विधायक रामबिलास मीणा के बयान से बढ़ा विवाद

वीडियो में देखें दौसा में बिजली विजिलेंस टीम को ग्रामीणों ने घेरा, विधायक रामबिलास मीणा के बयान से बढ़ा विवाद
 
वीडियो में देखें दौसा में बिजली विजिलेंस टीम को ग्रामीणों ने घेरा, विधायक रामबिलास मीणा के बयान से बढ़ा विवाद

राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में शुक्रवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब बिजली विभाग की विजिलेंस टीम को ग्रामीणों और स्थानीय विधायक ने घेर लिया। लालसोट से विधायक रामबिलास मीणा ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और विजिलेंस टीम को काफी देर तक वहीं बैठाए रखा गया। इस घटना के बाद विधायक के बयान को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।

जानकारी के अनुसार, बिजली विभाग की विजिलेंस टीम कल्लावास, कालुवास, सोनड और सिसोदिया गांवों में बिजली चोरी की जांच के लिए पहुंची थी। टीम द्वारा वीसीआर (विजिलेंस केस रिपोर्ट) भरने की कार्रवाई की जा रही थी। इसी दौरान ग्रामीणों ने विजिलेंस टीम पर अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए विरोध शुरू कर दिया। आरोप है कि टीम के सदस्य बिजली चोरी की जांच के नाम पर ग्रामीणों से गलत तरीके से वसूली कर रहे थे।

विरोध बढ़ने पर सिसोदिया गांव में ग्रामीणों ने विजिलेंस टीम को घेर लिया। सूचना मिलने पर लालसोट विधायक रामबिलास मीणा भी मौके पर पहुंचे। विधायक के पहुंचते ही माहौल और ज्यादा गरमा गया। ग्रामीणों के बीच बैठकर विधायक ने बिजली विभाग की कार्रवाई पर नाराजगी जताई और अधिकारियों के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विधायक रामबिलास मीणा ने ग्रामीणों से कहा कि अगर इस तरह की विजिलेंस टीम दोबारा गांव में आए तो उन्हें रोका जाए। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि ऐसे अधिकारियों को वहीं बैठा दिया जाए और उनकी गाड़ी के दोनों पहियों से हवा निकाल दी जाए। इतना ही नहीं, विधायक ने यह भी कहा कि अगर कोई ज्यादा “बदमाशी” करे तो उसे पेड़ से बांध दिया जाए। विधायक के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया है, जिसके बाद मामला और तूल पकड़ता नजर आ रहा है।

रामबिलास मीणा ने मौके पर कहा कि लालसोट विधानसभा क्षेत्र में बिजली विभाग द्वारा वीसीआर भरने के नाम पर ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार बिना ठोस आधार के कार्रवाई की जाती है और गरीब ग्रामीणों को डराकर वसूली की जाती है। विधायक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी विधानसभा में यदि कोई अधिकारी इस तरह की कार्रवाई करता है तो उसका विरोध किया जाएगा।

वहीं, बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विजिलेंस टीम नियमित प्रक्रिया के तहत बिजली चोरी की जांच कर रही थी। विभाग का दावा है कि कार्रवाई नियमों के अनुसार की जा रही थी और किसी तरह की अवैध वसूली के आरोप निराधार हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है और पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

घटना के बाद प्रशासनिक स्तर पर भी हलचल तेज हो गई है। विधायक के बयान और विजिलेंस टीम को रोके जाने के मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला आने वाले दिनों में तूल पकड़ सकता है और प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है।