मॉक ड्रिल के दौरान राजस्थान के कई शहरों में बजे युद्ध सायरन! जयपुर में हवाई हमले का अलर्ट, सीमा पर चाक-चौबंद हुई सुरक्षा

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को राजस्थान के कई शहरों में युद्धकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की गई। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, दौसा, अलवर, सीकर, सिरोही, कोटा, बाड़मेर, जैसलमेर, भरतपुर, रावतभाटा और श्रीगंगानगर समेत कई संवेदनशील इलाकों में एयर स्ट्राइक के दौरान नागरिक सुरक्षा तैयारियों को परखा गया।
जयपुर में 50 साल बाद मॉक ड्रिल
राजधानी जयपुर में एमआई रोड स्थित बीएसएनएल कार्यालय में एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल की गई। सचिवालय में चेतावनी सायरन बजाया गया, जिससे कर्मचारी और आम नागरिक सतर्क हो गए। यह ड्रिल करीब 50 साल बाद देखने को मिली, जब 1971 के युद्ध के दौरान ऐसी तैयारियां की गई थीं। हॉटलाइन के जरिए जिला कलेक्टर को 'एयर स्ट्राइक' की जानकारी दी गई, जिसके बाद सायरन बजते ही नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। सचिवालय कर्मचारियों को भी आपात स्थिति में बचाव का प्रशिक्षण दिया गया।
कोटा में 4 बजे शुरू हुई मॉक ड्रिल
कोटा में 4 बजे मॉक ड्रिल शुरू हुई, जिसमें सिविल डिफेंस और पुलिस की टीमें फायर ब्रिगेड की सायरन गाडिय़ों के साथ जुटी। जिले को रावतभाटा के साथ केंद्र सरकार की सबसे संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। कोटा कलेक्ट्रेट में सिविल डिफेंस की टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। अधिकारियों ने राहत और बचाव के उपायों की जानकारी दी और टीम को व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया।
बाड़मेर-जैसलमेर में सीमा पर चौकसी
बता दें, पाकिस्तान सीमा से सटे बाड़मेर और जैसलमेर जिलों की तैयारियां ज्यादा कड़ी रहीं। बाड़मेर में मॉक ड्रिल के दौरान स्थानीय बाजार अस्थाई रूप से बंद रखे गए। पुलिस ने माइक के जरिए लोगों से सहयोग की अपील की। जैसलमेर में सायरन बजाकर हवाई हमले का अलर्ट भी जारी किया गया। श्रीगंगानगर, अनूपगढ़ और बीकानेर के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ड्रोन गतिविधियों से आपातकालीन सुरक्षा में बाधा उत्पन्न हो सकती है, इसलिए इन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
रात में ब्लैकआउट का अभ्यास
साथ ही रात में ब्लैकआउट की स्थिति का अभ्यास किया जाएगा, जिसमें लाइटें बंद रखी जाएंगी और नागरिकों को दिखाया जाएगा कि वे बिना बिजली के सुरक्षा और संचार की स्थिति को कैसे संभाल सकते हैं। इसके जरिए ब्लैकआउट उपायों की प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। आपको बता दें, राजस्थान के उच्च और मध्यम संवेदनशीलता वाले क्षेत्रों में रात में ब्लैकआउट और सायरन परीक्षण की तैयारी की जा रही है।प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह मॉक ड्रिल केवल आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों का अभ्यास है। आम जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों से दूर रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।