मस्जिद के बाहर रेलिंग हटाने पर जयपुर में हिंसा! भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव, 6 पुलिस कर्मियों के फाटे सिर
राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास चोमू शहर में अचानक हिंसा भड़क गई। एक मस्जिद के पास पड़े पत्थरों को हटाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया। जयपुर पश्चिम के DCP हनुमान प्रसाद मीणा ने कहा, "यहां एक कलंदरी मस्जिद है, जहां काफी समय से अतिक्रमण को लेकर विवाद चल रहा था। एक पक्ष ने स्वेच्छा से अतिक्रमण हटा लिया था, लेकिन कुछ लोगों ने लोहे के एंगल लगाकर उसे फिर से पक्का करने की कोशिश की। जब हम इन ढांचों को हटा रहे थे, तो कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके। हम इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। इलाके में फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है।"
छह पुलिसकर्मी घायल
पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत करने की कोशिश की, लेकिन विवाद इतना बढ़ गया कि भीड़ ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इस घटना में छह पुलिसकर्मियों के सिर में चोटें आईं।
10 पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया गया
चोमू में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, और स्थिति अब नियंत्रण में है। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में 10 पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया है।
चोमू में हिंसा भड़की
जयपुर से 40 किलोमीटर दूर चोमू में बस स्टैंड के पास एक मस्जिद के बाहर पड़े पत्थरों को हटाने को लेकर विवाद हो गया। यह घटना 25-26 दिसंबर की रात 3 बजे हुई, जिससे आधी रात को चोमू में तनाव फैल गया। जयपुर पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। घटना के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
इंटरनेट सेवाएं निलंबित
चोमू में 26 दिसंबर सुबह 7:00 बजे से 27 दिसंबर सुबह 7:00 बजे तक इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं। यह कदम स्थिति को शांत करने के लिए उठाया गया है।
पूरा मामला क्या है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, धार्मिक स्थल के पास सड़क किनारे करीब 45 सालों से पत्थर पड़े थे। चोमू में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इन पत्थरों को हटाने का काम चल रहा था, जिससे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। प्रशासन ने इस घटना में शामिल समुदायों के प्रतिनिधियों से भी बात की थी। इस मामले में प्रशासन ने आपसी सहमति बनने के बाद ही इलाके से पत्थर हटाने का काम शुरू किया था। चोमू के इस इलाके में पत्थर हटाने का काम भी पूरा हो गया था। हालांकि, जैसे ही रेलिंग लगाने का काम शुरू हुआ, कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों का यह विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गया।
