खाटूश्याम मंदिर में एक बार फिर लाठीचार्ज का वीडियो वायरल, श्रद्धालुओं में रोष
राजस्थान के प्रसिद्ध खाटूश्याम मंदिर को लेकर एक बार फिर विवाद गरमा गया है। रींगस स्थित खाटूश्याम मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज का एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इससे पहले भी कुछ दिनों पूर्व इसी तरह की घटना का वीडियो सामने आया था, जिस पर मंदिर समिति ने संज्ञान लेने की बात कही थी। ताजा मामले में भी बारिश के मौसम के दौरान श्रद्धालुओं और दुकानदारों के बीच टकराव की स्थिति बनी, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
क्या है वायरल वीडियो में?
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि श्रद्धालुओं और कुछ दुकानदारों के बीच तीखी झड़प हो रही है। देखते ही देखते बात हाथापाई तक पहुंच जाती है और मौके पर तैनात पुलिसकर्मी हालात संभालने के लिए लाठीचार्ज करते नजर आते हैं। इस बीच कई श्रद्धालु हड़बड़ी में इधर-उधर भागते नजर आते हैं, जबकि कुछ बुजुर्ग व महिलाएं घायल भी होती दिखाई दे रही हैं।
पहले भी हो चुका है विवाद
इससे पहले भी कुछ दिन पहले खाटूश्याम मंदिर में लाठीचार्ज का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को भीड़ नियंत्रण के नाम पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया था। उस मामले में मंदिर समिति ने जांच और उचित कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन अब फिर से वही स्थिति दोहराए जाने से श्रद्धालुओं में नाराजगी देखने को मिल रही है।
श्रद्धालुओं का आरोप
श्रद्धालुओं का आरोप है कि मंदिर प्रशासन और स्थानीय पुलिस भीड़ प्रबंधन में लगातार विफल हो रही है। लाखों की संख्या में भक्त हर वर्ष यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन प्रशासनिक तैयारियां कमजोर साबित हो रही हैं। बरसात के मौसम में जलभराव और अव्यवस्था के चलते तनाव की स्थिति पैदा हुई, जिसका खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ा।
प्रशासन का पक्ष
वहीं, प्रशासन की ओर से प्रारंभिक जानकारी में बताया गया है कि बढ़ती भीड़ और आपसी विवाद को शांत कराने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और वीडियो फुटेज की समीक्षा भी की जा रही है।
मंदिर समिति की चुप्पी सवालों में
ताजा घटना को लेकर अब मंदिर समिति पर भी सवाल उठ रहे हैं। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पिछली घटना पर समय रहते ठोस कार्रवाई होती, तो यह स्थिति फिर से नहीं आती। बार-बार लाठीचार्ज की घटनाएं श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही हैं।
