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Jaipur कल से शुरू होगा वैशाख शुक्ल पक्ष, 10 को होगी आखा तीज

 
Jaipur कल से शुरू होगा वैशाख शुक्ल पक्ष, 10 को होगी आखा तीज
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर वैशाख शुक्ल पक्ष की शुरुआत गुरुवार से होने जा रही है, जबकि अक्षय तृतीया यानी आखातीज का लोकपर्व अगले दिन शुक्रवार को ही मनाया जाएगा। ऐसा इसलिए होने जा रहा है क्योंकि इस बार प्रतिपदा व द्वितीया तिथि एक ही आ जाएगी, जिससे द्वितीया का क्षय हो जाएगा। इस बार द्वितीया तिथि गुरुवार सुबह 6:22 बजे ही आ जाएगी और उसका समापन अगले दिन सूर्योदय से पूर्व ही तड़के 4:18 बजे ही हो जाएगा। इसके साथ ही तृतीया तिथि का आरंभ होगा यानी शुक्रवार को सूर्योदय के समय तृतीया तिथि ही रहेगी। इसलिए आखा तीज का पर्व शुक्रवार को ही मनाया जाएगा। बंशीधर ज्योतिष पंचांग के ज्योतिषाचार्य दामोदर शर्मा ने बताया कि आखातीज पर इस बार रोहिणी नक्षत्र व मृगशिरा नक्षत्र रहेंगे। साथ ही चंद्र देव अपनी उच्च राशि वृषभ में विचरण करेंगे। इस बार आखातीज पर जो भी नया काम शुरू किया जाएगा, वह शुभ फलदायी साबित होगा। यही नहीं खरीदारी करने के लिए भी यह समय सर्वश्रेष्ठ व अक्षय फल देने वाला साबित होगा।

आखातीज पर रोहिणी व मृगशिरा नक्षत्र रहेंगे..चंद्रमा का अपनी उच्च राशि वृषभ में विचरण

हर बार प्रतिपदा (एकम) के दो दिन बाद आखातीज मनाई जाती है, लेकिन इस बार द्वितीया तिथि का क्षय होने के कारण प्रतिपदा के अगले ही दिन 10 मई को अक्षय तृतीया आएगी। इस दिन सूर्योदय से लेकर सुबह 10:46 बजे तक यम घंट योग भी रहेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि यम घंट को अशुभ योग माना गया है। इसलिए इस अवधि में शुभ कार्य की वर्जना है। प्रतिपदा के दिन ही द्वितीया तिथि भी आ जाएगी। अमावस्या की समाप्ति के बाद बुधवार को रात 9 बजे से प्रतिपदा की तिथि शुरू हो जाएगी। उदियात तिथि के रूप में अक्षय तृतीया शुक्रवार के दिन ही मानी जाएगी। ज्योतिषविदों के अनुसार ऐसा 3 साल में एक बार होता है, जब शुरुआती तिथि का क्षय होता है या दो तिथियां एक साथ आती है।

अक्षय तृतीया पर दिनभर रहेगा राज और रवियोग

ज्योतिषाचार्य पीतांबर प्रसाद शर्मा ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन शुक्रवार को सुबह 10.46 बजे के बाद दिनभर राज योग और रवि योग रहेगा। इनकी शुरुआत सुबह 10.47 से होगी और पूरे दिन रहेगी। अक्षय तृतीया का दिन अति शुभ माना गया है। इस दिन किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। धन के देवता और सभी देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर ने देवी लक्ष्मी की पूजा की थी। इस पर माता लक्ष्मी ने उन्हें शाश्वत धन और समृद्धि का आशीर्वाद दिया था। अक्षय तृतीया के दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना शुभ माना गया है। इससे पूरे साल घर में सुख और समृद्धि आती है। इसी दिन व्यापार आरंभ भी विशेष फलदायी कहा गया है। इस दिन नमक का दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।