वैभव सूर्यवंशी ने विजय हजारे ट्रॉफी में मचाया जोरदार तांडव, वीडियो में देखें 36 गेंद पर सेंचुरी ठोक तोड़ा 39 साल पुराना वर्ल्ड रिकॉर्ड
क्रिकेट की दुनिया में एक नया रिकॉर्ड कायम हो गया है। विजय हजारे ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ खेलते हुए 14 साल 272 दिन के वैभव सूर्यवंशी ने मात्र 36 गेंदों में शतक जड़कर इतिहास रच दिया। इस उपलब्धि के साथ वे लिस्ट-A क्रिकेट में शतक लगाने वाले दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं।
वैभव ने यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के जहूर इलाही का 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए हासिल किया है। जहूर इलाही ने साल 1986 में विल्स कप के दौरान पाकिस्तान ऑटोमोबाइल्स की ओर से खेलते हुए रेलवे के खिलाफ लिस्ट-A क्रिकेट में शतक बनाया था। उस समय उनकी उम्र 15 साल और 209 दिन थी। वैभव ने अब महज 14 साल 272 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर इतिहास रच दिया।
मैच में वैभव सूर्यवंशी ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी का प्रदर्शन दिखाया और विपक्षी टीम को विपक्ष में धूल चटा दी। उनके शतक की पारी केवल 36 गेंदों में पूरी हुई, जोकि उनकी बल्लेबाजी कौशल और तेजतर्रार अंदाज को दर्शाती है। इस पारी में उन्होंने अपने टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए और खेल को अपने पक्ष में मोड़ा।
क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने वैभव की इस उपलब्धि की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि वैभव न केवल अपने तकनीकी कौशल से बल्कि मानसिक दृढ़ता और साहस से भी युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा हैं। उनके इस प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट के युवा वर्ग के लिए नई उम्मीदें पैदा कर दी हैं।
विजय हजारे ट्रॉफी में वैभव की इस पारी से टीम को भी बड़ा समर्थन मिला। युवा खिलाड़ी की इतनी कम उम्र में शानदार प्रदर्शन ने क्रिकेट फैंस में उत्साह भर दिया है। सोशल मीडिया पर उनके इस रिकॉर्ड को लेकर जमकर प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कई दिग्गज क्रिकेटरों ने ट्वीट कर वैभव को बधाई दी और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
वैभव सूर्यवंशी का यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट में युवाओं के लिए प्रेरक साबित होगा। इससे यह संदेश मिलता है कि सही मार्गदर्शन, मेहनत और प्रतिभा के संयोजन से युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
वैभव की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया है कि भारतीय क्रिकेट में भविष्य के सितारे तैयार हो रहे हैं। इस शानदार प्रदर्शन के बाद अब सभी की नजरें इस युवा प्रतिभाशाली बल्लेबाज पर टिकी हुई हैं। उनकी पारी न केवल क्रिकेट इतिहास में दर्ज होगी, बल्कि आने वाले समय में उन्हें बड़ी टीमों और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलने का अवसर भी मिलने की संभावना है।
