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फ्री बिजली देने वाले राज्यों पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री जोशी ने उठाए सवाल, वीडियो में देखें बड़ी खबर

 
फ्री बिजली देने वाले राज्यों पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री जोशी ने उठाए सवाल, वीडियो में देखें बड़ी खबर 

जयपुर न्यूज़ डेस्क, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने फ्री बिजली देने वाले राज्यों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा- कुछ राज्य राजनीतिक कारणों से फ्री बिजली दे रहे हैं। इससे एक बड़ा आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।प्रहलाद जोशी जयपुर में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से आयोजित नवीकरणीय ऊर्जा पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा- मैं किसी राज्य पर नहीं बोल रहा, लेकिन यह व्यवस्था लंबे समय के लिए ठीक नहीं है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि फ्री बिजली की जगह हम उपभोक्ताओं को इस तरह सक्षम बनाएं कि वे न सिर्फ सस्ती बिजली का घर में उपयोग कर सकें। सरप्लस बिजली को ग्रिड में देकर देश की जरूरतों को भी पूरा कर सके।प्रहलाद जोशी ने कहा- इसी बात को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार पीएम सूर्य घर योजना लेकर आई है। जो फ्री बिजली देने वाले राज्यों के लिए वरदान साबित हो सकती है। यदि फ्री बिजली देनी वाली राज्य सरकारें अपनी सब्सिडी का पैसा पीएम सूर्य घर योजना में एकमुश्त देने की हिम्मत करें। अगले 25 सालों तक उपभोक्ता बिजली बिल के झंझट से मुक्त हो जाएंगे। राज्य सरकारों का सालाना फ्री बिजली की सब्सिडी का आर्थिक बोझ भी खत्म होगा।

भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा- हमें समझने की जरूरत है कि हमारे देश में ऊर्जा की मांग क्यों अधिक है? भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इस वजह से ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ रही है। भारत विश्व में सबसे बड़ा मानव संसाधन वाला देश है। यहां 65% आबादी युवा है। यही कारण है कि हमारा उत्पादन और निर्माण क्षमता मजबूत हो रही है।

खिलौने और स्टील का निर्यात आगे बढ़ रहा

केंद्रीय मंत्री ने कहा- हम खिलौने और स्टील के निर्यात में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट के लिए जारी निविदा में 4 लाख 12 हजार लाख टन की मांग आई। इसमें 50% हिस्सेदारी अन्य देशों की है। पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। हर राज्य के पास इस मौके का फायदा उठाने का अवसर है। भारत नवीकरणीय ऊर्जा की ओर इसलिए बढ़ रहा है, ताकि पृथ्वी को उसी रूप में सुरक्षित रखा जा सके, जैसा हमें मिला है।

उन्होंने कहा- यह हमारी जिम्मेदारी है कि इसे अगली पीढ़ी के लिए तैयार रखें। अन्य जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए भी हमें नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ना होगा। पहले प्रति यूनिट सौर ऊर्जा की लागत 11 रुपए थी, जो आज मध्य प्रदेश में घटकर 2.15 रुपए हो गई है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा- भारत ऊर्जा के हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री सोलर ऊर्जा घर योजना और पीएम कुसुम योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा हर घर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इन योजनाओं के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रहलाद जोशी ने कहा कि 2032 तक राजस्थान ऊर्जा उत्पादन में दोगुनी वृद्धि करेगा।

सीएम बोले- राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा

इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा- ये मंथन ऐसे समय में चल रहा है, जब देश में कुंभ चल रहा है। राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। राज्य न केवल अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि देश के अन्य राज्यों को भी ऊर्जा प्रदान करेगा। 2500 घरों में सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। आने वाले समय में पवन ऊर्जा में भी राज्य का योगदान बढ़ेगा।

सीएम ने कहा- मिलकर ऊर्जा के क्षेत्र में विकास के नए आयाम बनाएं

सीएम ने कहा- ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को देखते हुए सोलर और पवन ऊर्जा जैसे MOU पूरा करने में हम अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। आज सभी राज्य और ऊर्जा मंत्रियों से आग्रह करता हूं कि हम मिलकर ऊर्जा के क्षेत्र में विकास के नए आयाम बनाएं। इससे ऊर्जा संकट को दूर कर सकते हैं। हर एक ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।