राजस्थान में सिर्फ नाम के लिए चल रहे यूनानी अस्पताल! दर्जनभर केंद्रों में सालों से नहीं हुआ एक भी मरीज भर्ती

प्रदेश के विभिन्न जिलों में 12 यूनानी सरकारी अस्पताल हैं, लेकिन इनमें मिलने वाले उपचार और सुविधाओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन सभी अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला ठप पड़ा है। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि जयपुर समेत विभिन्न जिलों के इन अस्पतालों में लंबे समय से एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है।
यह है स्थिति, वार्डों को बना दिया डिस्पेंसरी डिपो
जयपुर. चार दरवाजा स्थित अस्पताल ओपीडी समय को छोड़कर बंद रहता है। अस्पताल प्रभारी ने निदेशालय को लिखित में अवगत कराया है कि स्टाफ की कमी के कारण यहां 24 घंटे मरीजों को नहीं रखा जा सकता। ऐसे में 6 माह से एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है।फतेहपुर अस्पताल के प्रभारी डॉ. शाहिद ने बताया कि व्यवस्थाओं के अभाव में पिछले 6 साल से यहां एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है। अस्पताल में मौजूद वार्डों में दवाओं के डिब्बे नजर आए। अस्पताल को 6 जिलों का डिस्पेंसरी डिपो बना दिया गया है।
यहां मौजूद अस्पताल में पिछले कई सालों से एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ है। डॉक्टरों ने बताया कि जगह और स्टाफ की कमी के चलते उन्होंने मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। जबकि यहां बड़ी संख्या में मरीज ओपीडी में आते हैं।प्रदेश में 12 यूनानी अस्पताल हैं, लेकिन डॉक्टरों और अन्य सुविधाओं की कमी के चलते किसी भी अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं हो रहे हैं, लेकिन ओपीडी चल रही है। स्टाफ और सुविधाएं बढ़ाने के लिए मैं सरकार को प्रस्ताव भेजूंगा।