उदयपुर सिटी पैलेस! मेवाड़ की शान और वास्तुकला की जान, वायरल डॉक्यूमेंट्री में जानिए इस ऐतिहासिक धरोहर का हर राज और खासियत

राजस्थान का दिल कहे जाने वाला उदयपुर अपने झीलों, महलों और शाही ठाट-बाट के लिए दुनियाभर में मशहूर है। इस शहर की पहचान अगर किसी चीज से सबसे ज्यादा होती है, तो वह है सिटी पैलेस (City Palace)। यह महल न सिर्फ उदयपुर की शान है, बल्कि पूरे मेवाड़ की संस्कृति, इतिहास और शौर्य की जीती-जागती मिसाल भी है। उदयपुर आने वाला हर पर्यटक इस महल की भव्यता को देखकर मोहित हुए बिना नहीं रह सकता। आइए जानते हैं उदयपुर सिटी पैलेस से जुड़ी वो तमाम जानकारियाँ, जो इस ऐतिहासिक धरोहर को और भी खास बनाती हैं।
स्थापत्य कला की भव्य मिसाल
सिटी पैलेस की नींव 1559 ईस्वी में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने रखी थी, जब उन्होंने उदयपुर शहर की स्थापना की थी। इसके बाद आने वाले विभिन्न शासकों ने भी इस महल में विस्तार किए, जिसके कारण यह एक महल न होकर एक विशाल परिसर बन गया है, जिसमें कई महल, आंगन, मंदिर, गलियाँ और संग्रहालय शामिल हैं। इसका निर्माण राजस्थानी, मुगल और यूरोपीय स्थापत्य शैली का अद्भुत संगम है, जो इसकी सुंदरता को कई गुना बढ़ाता है।
महल के अंदर का संसार
सिटी पैलेस में प्रवेश करते ही एक अलग ही दुनिया नजर आती है। इसकी दीवारों पर की गई बारीक नक्काशी, रंगीन काँच की खिड़कियाँ, सुनहरे दरवाज़े और झिलमिलाती छतें इसकी समृद्ध विरासत को बयां करती हैं। महल के अंदर मोती महल, शीश महल, बीड़ी महल, राज अंगन और धरम निवास जैसे कई छोटे-बड़े महल स्थित हैं।मोती महल का उपयोग कभी दरबार के रूप में किया जाता था, जबकि शीश महल को इसकी कांच और आईनों की सजावट के लिए जाना जाता है। बीड़ी महल में मेवाड़ के इतिहास से जुड़ी वस्तुएँ और शस्त्रों का संग्रह प्रदर्शित किया गया है।
झीलों के बीच बना शानदार नजारा
सिटी पैलेस की खास बात यह भी है कि यह झीलों के बीच स्थित है। खासकर पिछोला झील की ओर से देखने पर इसका प्रतिबिंब पानी में बहुत ही मनोहारी लगता है। महल से झील के बीच स्थित जग मंदिर और लेक पैलेस का दृश्य किसी पोस्टकार्ड से कम नहीं लगता। यही वजह है कि यह स्थान फोटोग्राफी और फिल्म शूटिंग के लिए भी बेहद लोकप्रिय है।
संग्रहालय और इतिहास का खजाना
सिटी पैलेस में एक विशाल संग्रहालय भी स्थित है, जिसे पर्यटकों के लिए खोला गया है। यहाँ पर मेवाड़ राजवंश की वंशावली, प्राचीन शस्त्र, चित्रकला, पोशाकें, राजसी वस्तुएं और दस्तावेज रखे गए हैं। यह संग्रहालय मेवाड़ के गौरवशाली अतीत और वीरता की गाथाओं को सामने लाता है।
सांस्कृतिक आयोजन और परंपराएँ
सिटी पैलेस न केवल एक दर्शनीय स्थल है, बल्कि यह मेवाड़ की सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र है। हर साल यहां मेवाड़ फेस्टिवल और अन्य राजसी आयोजनों का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोकनृत्य, संगीत, पारंपरिक सजावट और रजवाड़ी अंदाज देखने को मिलता है। यही नहीं, कई बार यहां रॉयल वेडिंग्स और इंटरनेशनल इवेंट्स भी होते हैं, जो इसकी पहचान को वैश्विक बनाते हैं।
पर्यटकों के लिए आकर्षण
उदयपुर सिटी पैलेस रोजाना हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों का स्वागत करता है। महल का एक हिस्सा आज भी शाही परिवार का निजी निवास है, जबकि बाकी हिस्सा जनता के लिए खुला है। प्रवेश शुल्क और गाइड की व्यवस्था भी बहुत व्यवस्थित है। यहां आकर हर कोई राजसी जीवनशैली का अनुभव करता है, चाहे वह स्थापत्य प्रेमी हो, इतिहास का छात्र हो या एक आम पर्यटक।
रोशनी में नहाता सिटी पैलेस
शाम के समय जब सिटी पैलेस को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है, तो इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है। रोशनी में नहाया यह महल इतना भव्य दिखता है कि देखने वाला मंत्रमुग्ध हो जाता है। यहाँ की लाइट एंड साउंड शो भी दर्शकों को मेवाड़ के इतिहास की गहराई से रूबरू कराती है।
कैसे पहुँचें?
उदयपुर सिटी पैलेस, उदयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किमी और एयरपोर्ट से करीब 22 किमी दूर है। यहाँ तक पहुँचने के लिए टैक्सी, ऑटो और लोकल बस की सुविधा आसानी से मिल जाती है।