फर्जी डिग्री से हासिल की सरकारी नौकरी, दो पीटीआई गिरफ्तार, ऐसे खुल गई पोल
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर द्वारा वर्ष 2018 में आयोजित शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जिले के कुछ युवकों ने छत्तीसगढ़ के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से फर्जी बीपीएड डिग्री लेकर परीक्षा दी थी और उत्तीर्ण होने के बाद सरकारी स्कूलों में पीटीआई की नौकरी हासिल कर ली थी।
ऐसे ही दो मामलों में, डीएसपी स्तर की जाँच में फर्जीवाड़े के सबूत सामने आने के बाद गढ़ी थाना पुलिस ने दो आरोपी युवकों को गिरफ्तार किया है। ये युवक जिले के छोटी सरवन क्षेत्र के नापला राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय और सज्जनगढ़ क्षेत्र के गरड़िया राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत थे।
विश्वविद्यालय ने सत्यापन जारी करने से किया इनकार
डीएसपी एससी-एसटी सेल बांसवाड़ा श्याम सिंह ने बुधवार को गढ़ी थाने में एक रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया है कि पीटीआई भर्ती परीक्षा में संदिग्ध दस्तावेज जमा करके प्रवेश के बाद पीटीआई की नौकरी पाने के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इस संबंध में गुप्त जाँच में पता चला कि परतापुर निवासी मनीष कुमार पुत्र हरिराम वसीटा ने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से शारीरिक शिक्षक की 2012 की फर्जी डिग्री, 2018 की परीक्षा में बैठने के लिए आवेदन के साथ जमा की थी।
परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उसे नापाला के एक सरकारी स्कूल में नौकरी मिल गई और वह वहीं कार्यरत है। इसके अलावा, गढ़ी क्षेत्र के बोडिया निवासी कमलेश पाटीदार पुत्र रमणलाल पाटीदार ने भी पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से 2013 की फर्जी डिग्री जमा की और उत्तीर्ण होने के बाद गराडिया के एक स्कूल में नौकरी पा ली।
इसके बाद, छत्तीसगढ़ के उक्त विश्वविद्यालय से दोनों की डिग्रियों का सत्यापन किया गया। विश्वविद्यालय ने उनके अंकपत्रों और डिग्री प्रमाणपत्रों की फोटोकॉपी का अपने अभिलेखों से मिलान किया और स्पष्ट किया कि जमा किए गए दस्तावेज़ उसके द्वारा जारी नहीं किए गए थे।
