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डूंगरपुर कलेक्ट्रेट की बैठक में भिड़े दो सांसद, वीडियो में देखें भाजपा के मन्नालाल रावत और BAP सांसद राजकुमार रोत के बीच तीखी बहस

डूंगरपुर कलेक्ट्रेट की बैठक में भिड़े दो सांसद, वीडियो में देखें भाजपा के मन्नालाल रावत और BAP सांसद राजकुमार रोत के बीच तीखी बहस
 
डूंगरपुर कलेक्ट्रेट की बैठक में भिड़े दो सांसद, वीडियो में देखें भाजपा के मन्नालाल रावत और BAP सांसद राजकुमार रोत के बीच तीखी बहस

डूंगरपुर कलेक्ट्रेट में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक उस वक्त विवाद का केंद्र बन गई, जब भाजपा सांसद मन्नालाल रावत और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत आमने-सामने आ गए। सोमवार सुबह हुई इस बैठक के दौरान दोनों सांसदों के बीच पहले तीखी बहस हुई, जो कुछ ही देर में तू-तू, मैं-मैं और व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गई।

जानकारी के अनुसार, बैठक की शुरुआत में ही उदयपुर से भाजपा सांसद मन्नालाल रावत और बांसवाड़ा-डूंगरपुर से BAP सांसद राजकुमार रोत के बीच किसी मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई। दोनों नेताओं की आवाजें तेज होती चली गईं और माहौल तनावपूर्ण हो गया। विवाद बढ़ता देख मौके पर मौजूद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन तब तक मामला काफी गरमा चुका था।

घटना के बाद दोनों सांसदों ने सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए। भाजपा सांसद मन्नालाल रावत ने अपने बयान में कहा कि राजकुमार रोत उन्हें थप्पड़ मारने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक के दौरान उन्हें जानबूझकर उकसाया गया और माहौल खराब करने की कोशिश की गई।

वहीं BAP सांसद राजकुमार रोत ने भाजपा सांसद के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मन्नालाल रावत लगातार उन्हें उकसा रहे थे और अनावश्यक टिप्पणी कर रहे थे, जिससे विवाद की स्थिति बनी। राजकुमार रोत का कहना है कि उन्होंने संयम बरतने की कोशिश की, लेकिन सामने से लगातार दबाव और उकसावे की कार्रवाई की गई।

विवाद यहीं नहीं थमा। बताया जा रहा है कि थोड़ी देर बाद विधायक उमेश डामोर भी इस बहस में कूद पड़े, जिससे बैठक का माहौल और ज्यादा तनावपूर्ण हो गया। कुछ समय के लिए बैठक की कार्यवाही प्रभावित हुई और अधिकारियों को स्थिति संभालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।

दिशा बैठक का उद्देश्य जिले में चल रही विकास योजनाओं की समीक्षा और समन्वय था, लेकिन जनप्रतिनिधियों के बीच हुए इस विवाद ने पूरी बैठक को विवादों में ला दिया। घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी इस टकराव को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

फिलहाल इस मामले में किसी तरह की कानूनी कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है। प्रशासन की ओर से भी आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है। वहीं, सोशल मीडिया पर दोनों सांसदों के बयानों के बाद यह मामला और ज्यादा तूल पकड़ता नजर आ रहा है।