Jaipur स्टार्टअप्स में बदल रहा पारंपरिक बिजनेस, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूम
दिव्या कुमावत ने बताया कि उनके परिवार का हस्तशिल्प का पारंपरिक बिजनेस था। इंजीनियरिंग करने के बाद वे भी बिजनेस में जुड़ गई। कोविड के बाद शिल्पकारों ने पारंपरिक कला को छोड़कर दूसरी नौकरियों की तरफ रुख किया। हमने डिजिटल मार्केटिंग की जरिये शिल्पकारों की कला को अलग तरह से जोड़ा। स्टार्टअप की शुरूआत कर 12 शिल्पकारों को रोजगार दिया।
अब इंडियन डॉमेस्टिक मार्केट बहुत बड़ा हो गया है। लोग, नए प्रोडक्ट्स और नई तरह की पैकेजिंग व उन्हें डीटूसी मार्केट में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग विदेशों में प्रोडक्ट सप्लाई करते थे, वे अब अपना ब्रांड लॉन्च कर रहे हैं। इससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी बूम मिलेगा। अब डॉमेस्टिक मार्केट में इन प्रोडक्ट की मांग बढ़ रही हैं। यंग जनरेशन नई तरह की मार्केटिंग, सेल्स, ब्रांडिंग और न्यू मार्केट को समझ रहे हैं। इससे बिजनेस ग्रो कर रहा है। युवा गवर्मेंट फंडिंग, इनोवेशन और एआइ का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सी-स्कीम निवासी शिनी स्वामी ने बताया कि सालों से उनका परिवार मिठाई का बिजनेस कर रहा है। शिनी ने पढ़ाई पूरी की। नौकरी छोड़ परिवार के बिजनेस में परिवर्तन करना शुरू कर दिया। मिठाईयों की पैकेजिंग से लेकर उन्हें एक रोचक, आकर्षक अंदाज में ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर उतारा। पारंपरिक मिठाइयों में हेल्दी स्वाद जोड़ना शुरू किया। वीगन मिठाई एवं स्वीट डिश जैसे जेली टोट्स, लेमन शरबत, कैंडी किटेन, स्किटल्स को शामिल किया। इससे अब कम उम्र के लोग कस्टमर के रूप में जुड़ रहे हैं।