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सरकार की नीतियों पर टीकाराम जूली का बड़ा हमला, गिग वर्कर्स को लेकर किए गए सवाल पर मंत्री गोदारा ने रखी अपनी बात

 
सरकार की नीतियों पर टीकाराम जूली का बड़ा हमला, गिग वर्कर्स को लेकर किए गए सवाल पर मंत्री गोदारा ने रखी अपनी बात

जयपुर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भजनलाल सरकार पर जमकर निशाना साधा। जूली ने कहा कि जब हमारी सरकार थी, तब हमने गिग वर्कर्स के लिए कानून बनाया और बजट में इसका प्रावधान किया। जब भाजपा की सरकार बनी, तब से आज तक गिग वर्कर्स के लिए कोई कानून लागू नहीं किया गया। वहीं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार 'गिग वर्कर्स' और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर हमला
दरअसल, टीकाराम जूली ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र का ढोल पीटने वाली सरकार के आज सदन में मंत्रियों के अपमान से निराश मुख्यमंत्री 20 मिनट में सदन से बाहर चले गए, अगर वे पूरे प्रश्नकाल तक सदन में बैठते, तो सच्चाई सामने आ जाती। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों से किए गए एक भी वादे पर अमल नहीं किया गया। जब उनसे पूछा गया कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा या नहीं, तो मंत्री इसका जवाब भी नहीं दे पाए। मंत्री ई-श्रमिक पोर्टल रजिस्ट्रेशन के बारे में भी नहीं बता पाए। हमारी सरकार के समय गिग वर्कर कानून बनाया गया था और इसके लिए बजट का प्रावधान भी किया गया था। लेकिन, जब भाजपा की सरकार बनी तो आज तक गिग वर्कर के लिए कोई कानून लागू नहीं किया गया। पूरक प्रश्न के दौरान जूली ने कहा कि हमारी सरकार ने पुलिस कर्मियों को राहत देने के लिए साप्ताहिक अवकाश के निर्देश दिए थे, लेकिन अब इससे इनकार कर दिया गया है।

सुमित गोदारा ने दिया जवाब
इस पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने विधानसभा में कहा, ''राज्य सरकार 'गिग वर्कर' और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए सामाजिक सुरक्षा देने, जीवन स्तर में सुधार लाने समेत सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।'' उन्होंने कहा कि इस दिशा में बजट घोषणा वर्ष 2025-26 में 350 करोड़ रुपये के गिग एवं असंगठित श्रमिक विकास कोष का प्रावधान किया गया है। टीकाराम जूली के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में मंत्री ने बताया कि 3 मार्च तक ई-श्रम पोर्टल पर 1,45,75,855 आवेदन पंजीकृत हो चुके हैं तथा 2,26,89,152 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।