वन विभाग के पकड़ में आई बाघिन कनकटी, 2 दिनों की दहशत के बाद मिली राहत की सांस
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की एक टीम ने आखिरकार राजस्थान के मुकुंदरा टाइगर रिज़र्व में दो दिनों से भाग रही बाघिन कनकती को पकड़ लिया। उसे बेहोश करके उसके 82 sq km के बाड़े में वापस ले जाया गया। आस-पास के गांवों के लोग घबरा गए क्योंकि बाघिन का पहले रणथंभौर टाइगर रिज़र्व से जुड़ा रिकॉर्ड था, जहां इंसान-जानवरों के बीच टकराव हुआ है। अब हालात नॉर्मल हो रहे हैं, और टीम आगे भी सतर्क रहेगी।
बाघिन का इतिहास और मुकुंदरा में उसका आना
टाइगर MT-8, जिसे कनकती के नाम से भी जाना जाता है, रणथंभौर टाइगर रिज़र्व की मशहूर बाघिन एरोहेड (T-84) की बेटी है। रणथंभौर में इंसान-जानवरों के टकराव की वजह से, उसे मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व लाया गया था।
उसे दारा रेंज में 82 sq km के बाड़े में सुरक्षित रखा गया था, जहां वह आराम से रह सकती थी। हालांकि, 9 दिसंबर की सुबह, वह अचानक दीवार फांदकर भाग गई। जब गांव वालों को इस बारे में पता चला, तो वे रणथंभौर की पुरानी कहानियां सुनकर पहले से ही डरे हुए थे।
छोड़ने के बाद हंगामा
वाघेला से बचने के बाद, बाघिन सबसे पहले अमजर गांव की ओर गई। फिर, वह जमरा घाटी इलाके में घूमती रही। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीमों ने रेडियो टेलीमेट्री का इस्तेमाल करके हर मिनट उसकी लोकेशन ट्रैक की। दिन-रात निगरानी रखी गई, क्योंकि बाघिन अक्सर रेलवे ट्रैक और कोटा-झालावाड़ नेशनल हाईवे (NH-52) के पास आ जाती थी। इससे न केवल बाघिन बल्कि आम लोगों को भी बड़ा खतरा था। टीम को डर था कि अगर वह गांवों में घुस गई, तो कोई बड़ी मुसीबत आ सकती है।
सफल रेस्क्यू ऑपरेशन
एस. मुथु ने कहा कि दो दिन की मेहनत रंग लाई। बाघिन ऐसी जगह मिली जहां उसे बेहोश करना आसान था। एक स्पेशल टीम ने उसे बेहोश किया और मौके पर ही हेल्थ चेक-अप किया। जब सब कुछ ठीक पाया गया, तो उसे वापस बाड़े में छोड़ दिया गया। बाघिन अब पूरी तरह से सुरक्षित और ठीक है। टीम लगातार उस पर नज़र रख रही है ताकि आगे कोई दिक्कत न हो।
आगे की सुरक्षा योजनाएँ
अब बाड़े की बाड़ और सुरक्षा को मज़बूत किया जा रहा है। जहाँ कमज़ोरियाँ पाई गईं, वहाँ मरम्मत शुरू कर दी गई है। आने वाले दिनों में ट्रैकिंग टीम कड़ी नज़र रखेगी। DFO ने कहा कि इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए लगातार चौकसी ज़रूरी है। गाँव वालों को भी भरोसा दिलाया गया कि अब कोई खतरा नहीं है।
