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इस बार लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के नए-नए नखरे, किसी ने टिकट लौटाया तो किसी ने बनाया बहाना, कई चुनाव लड़ने से बच रहे

 
इस बार लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के नए-नए नखरे, किसी ने टिकट लौटाया तो किसी ने बनाया बहाना, कई चुनाव लड़ने से बच रहे

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में कांग्रेस नेताओं की लोकसभा चुनाव लड़ने की अनिच्छा लगातार सामने आ रही है। साल 2014 और 2019 में प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश के वरिष्ठ नेता चुनाव लड़ने से कन्नी काट रहे हैं। मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम भूपेश बघेल जैसे दिग्गज नेता चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन राजस्थान का कोई वरिष्ठ नेता चुनाव मैदान में नहीं उतरा है। कांग्रेस आलाकमान की इच्छा के बावजूद पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट, जितेंद्र सिंह व प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। गहलोत ने अपने बेटे वैभव गहलोत को जालौर-सिरोही सीट से टिकट दिलवाया है।

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नेताओं को सता रहा हार का डर!

पिछले दो चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के नेताओं में अज्ञात भय नजर आ रहा है। यही कारण है कि एक प्रत्याशी ने तो टिकट घोषित होने के बाद चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और दो प्रत्याशियों ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी संकट में है और ऊपरी दबाव के कारण वे मैदान में उतरे हैं। पार्टी नेताओं के चुनाव लड़ने के प्रति अनिच्छा जताने पर कांग्रेस नेतृत्व को मजबूरी में नागौर सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और सीकर में माकपा से समझौता करना पड़ा। बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद्र मालवीय भाजपा में शामिल हो गए तो अब पार्टी नेतृत्व भारत आदिवासी पार्टी (बाप) से समझौता करना चाहता है। यह सीट बाप को देने को तैयार है, लेकिन बाप दो सीट मांग रहा है। बाप और कांग्रेस नेतृत्व के बीच बातचीत जारी है।

मैदान से पीछे हट रहे नेता

राजसमंद सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधायक सुदर्शन सिंह रावत को प्रत्याशी घोषित किया था। टिकट तय होने के बाद रावत एक सप्ताह तक अज्ञात स्थान पर चले गए। कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व उन्हें तलाशता रहा, लेकिन नहीं मिले। आखिरकार तीन दिन पहले सामने आए और चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। मजबूरी में भीलवाड़ा में घोषित प्रत्याशी दामोदर गुर्जर को राजसमंद सीट पर शिफ्ट किया गया।

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'मैं इसलिए लड़ रहा हूं चुनाव'

भीलवाड़ा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को टिकट दिया गया है। जोशी चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन आलाकमान के दबाव के बाद वे मैदान में उतरे हैं। झुंझुनूं सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र ओला ने एक सभा में कहा, ''मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता था, लेकिन बड़े नेताओं ने कहा कि पार्टी संकट में है। इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं।'' इससे पहले जयपुर शहर में घोषित प्रत्याशी सुनील शर्मा जयपुर डायलॉग्स कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी के कारण चर्चा में आए तो उनका टिकट बदला गया। सुनील के स्थान पर पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को टिकट दिया गया। खाचरियावास ने कहा, ''जयपुर में भाजपा मजबूत है। मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता था, लेकिन पार्टी के आदेश के कारण लड़ रहा हूं।'' बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर कांग्रेस नेतृत्व वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी एवं हरीश चौधरी में से किसी एक को टिकट देना चाहता था, लेकिन दोनों ने चुनाव लड़ने से इनकार किया तो आरएलपी के उम्मेदाराम को प्रत्याशी घोषित किया गया।

सीएम बोले- कांग्रेस को उम्मीदवार नहीं मिल रहे

कांग्रेस में मचे घमासान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, ''कांग्रेस को सभी 25 सीटों पर उम्मीदवार नहीं मिले और नेता मैदान छोड़ रहे हैं। मजबूरी में अन्य दलों से समझौता करना पड़ रहा है। शर्मा ने एक जनसभा में प्रदेश में लगातार तीसरी बार सभी सीटों पर भाजपा की जीत का दावा किया है।''