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ये है राजस्थान की सबसे भूतिया जगह जहां हवा के हर कतरे में समाया है खौफ, वीडियो में देखिये दहला देने वाला इतिहास

ये है राजस्थान की सबसे भूतिया जगह जहां हवा के हर कतरे में समाया है खौफ, वीडियो में देखिये दहला देने वाला इतिहास
 
ये है राजस्थान की सबसे भूतिया जगह जहां हवा के हर कतरे में समाया है खौफ, वीडियो में देखिये दहला देने वाला इतिहास

राजस्थान के जैसलमेर से करीब 18 किलोमीटर दूर कुलधरा गांव स्थित है। इस गांव में एक रहस्य है जिसे सुलझाने की कोशिश की गई लेकिन यह अभी भी अनसुलझा है। यहां एक रहस्य दफन है जिसे कोई नहीं समझ पाया है, स्थानीय बुजुर्गों के मुताबिक कुलधरा में सालों से सैकड़ों आत्माएं भटक रही हैं और यह गांव आज भी एक श्राप से जुड़ा हुआ है।

क्या है कुलधरा गांव की कहानी
राजस्थान में ऐसी कई भूतिया जगहें हैं, लेकिन कुलधरा के आस-पास शायद पूरे भारत में कोई दूसरी जगह न हो। कुलधरा की वीरान, संकरी गलियां, खंडहर में तब्दील हो चुके घर, बीच-बीच में उगी झाड़ियां किसी को भी डराने के लिए काफी हैं। कुलधरा जैसलमेर से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां अब खंडहरों के अलावा कुछ नहीं बचा है, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, एक वक्त था जब यहां के घर आबाद हुआ करते थे। घरों में हंसी-ठहाके हुआ करते थे। खेत हरे-भरे हुआ करते थे। लेकिन एक रात में सब कुछ बदल गया। हजारों लोग कहां चले गए, यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन जाने से पहले उन्होंने इस जगह को ऐसा श्राप दिया कि यह फिर कभी आबाद नहीं हो सका।

क्या है कुलधरा गांव का इतिहास
माना जाता है कि पालीवाल ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने सरस्वती नदी के किनारे इस गांव को बसाया था। उस दौरान इस गांव में काफी चहल-पहल हुआ करती थी। कुलधरा की धरती पर सैकड़ों परिवार आराम से रह रहे थे। अचानक यह गांव रातों-रात खाली हो गया। तब से यह वीरान पड़ा है, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि कोई भी व्यक्ति यहां रात में भी भटकने से डरता है। इतने सालों बाद भी यहां कोई इंसान नहीं बसा है। इस वजह से यहां बने सभी घर और मंदिर वीरान खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं।

कुलधरा गांव की देखभाल कौन करता है

भूतहा गांव कुलधरा की देखभाल की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास है। दिन में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं। कुलधरा एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था। इस क्षेत्र में पालीवाल ब्राह्मणों की करीब 85 छोटी-छोटी बस्तियां थीं। अब गांव की सारी झोपड़ियाँ टूटकर खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं। यहाँ एक देवी का मंदिर भी है, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। इस गांव में एक पत्थर का शिलालेख भी है। जिससे यहाँ पहले रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी मिल सकती है।

कुलधरा गांव शांति से भरा हुआ है

लेकिन जब आप कुलधरा गांव जाते हैं तो आपको यहाँ की खूबसूरती देखने को मिलती है, आपको गांव के चारों तरफ खंडहर मिलेंगे जो पुराने समय में घर हुआ करते थे। आपको यहाँ शांति मिलती है क्योंकि यहाँ किसी भी तरह का शोर नहीं होता है, आप पूरे कुलधरा गांव में घूम सकते हैं, यहाँ कुछ देर बैठ सकते हैं और यह जगह फोटो क्लिक करने के लिए सबसे अच्छी जगह है।

कुलधरा गांव कैसे पहुँचें

कुलधरा गांव पहुँचने के लिए आपको अपने वाहन से जाना होगा या फिर आपको वाहन बुक करना होगा क्योंकि ऐसा नहीं लगता कि यहाँ कोई बस चलती है। जब आप इस गांव में जाते हैं तो आपको सड़क पर बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है, आपको जैसलमेर में ज्यादातर पत्थर के घर मिलेंगे, जो देखने में बहुत ही खूबसूरत हैं। आपको यहाँ दूर दूर तक सुनसान जगह मिलेगी और आपको एक पवन चक्की भी देखने को मिलेगी जब आप इस गाँव में पहुँचेंगे तो आपको इस गाँव में जाने के लिए एंट्री गेट से 1 किलोमीटर दूर जाना होगा यहाँ आपको एक कैक्टस गार्डन भी मिलेगा लेकिन लोग इस गार्डन में नहीं जाते आप चाहे तो इसे देख सकते हैं यहाँ एक वैन में कैंटीन की सुविधा है जहाँ से आप खाने पीने की चीजें ले सकते हैं लेकिन आपको ध्यान रखना होगा की कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें कुलधरा स्थल बहुत साफ सुथरा है यहाँ ज्यादा गंदगी नहीं है आप भी ध्यान दें यहाँ आपको वॉशरूम की सुविधा नहीं मिलेगी।