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मुख्यमंत्री जन आवास योजना में होगा ऐतिहासिक बदलाव, भजनलाल शर्मा सरकार ने तैयार किया नया प्लान

 
मुख्यमंत्री जन आवास योजना में होगा ऐतिहासिक बदलाव, भजनलाल शर्मा सरकार ने तैयार किया नया प्लान 

आबादी क्षेत्रों से दूर बन रहे सस्ते आवासों से जरूरतमंदों और बिल्डरों दोनों का मोहभंग हो गया है। जो मकान बने भी, वे या तो बिके नहीं। अगर बिके भी, तो लोग बसे नहीं। बिल्डर नए प्रोजेक्ट नहीं ला रहे। ऐसे में राज्य सरकार मुख्यमंत्री जन आवास योजना में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। योजना के प्रारूप में ऐसे प्रावधान जोड़े जाएंगे, जिससे बिल्डरों और डेवलपर्स के साथ लोगों की जरूरतों का भी ध्यान रखा जाए। नई योजना के संबंध में बुधवार को नगर नियोजन कार्यालय में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव देबाशीष प्रस्ती की मौजूदगी में क्रेडाई और टाउनशिप डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (टोडर) के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा हुई। इस दौरान बिल्डरों और डेवलपर्स ने मौजूदा कई प्रावधानों को अव्यवहारिक बताते हुए भवन निर्माण से हाथ खींचने और यह काम हाउसिंग बोर्ड या किसी अन्य एजेंसी को देने की जरूरत जताई।

 दर वृद्धि से बदलाव की आवश्यकता
1. निर्माण लागत दर: वर्तमान भुगतान दर 2248 रुपये प्रति वर्ग फुट है, जिसे बढ़ाकर 3500 रुपये प्रति वर्ग फुट किया जाना चाहिए और इसमें हर साल 5 प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए।

2. BHK की जगह 2 BHK की अनुमति: अब लोगों की ज़रूरतें बदल गई हैं, इसलिए डेवलपर को फ्लैट का आकार तय करने का अधिकार मिलना चाहिए। वर्तमान में, EWS के लिए BHK फ्लैट बनाए जाते हैं। जबकि, अब हर ज़रूरतमंद व्यक्ति 2 BHK फ्लैट भी लेता है।

3. निर्माण समय सीमा में लचीलापन: निर्धारित समय में परियोजना पूरी न होने पर व्यावहारिक दंड होना चाहिए, ताकि परियोजना समय पर पूरी हो सके। अभी यह बहुत अधिक है, जिसके कारण परियोजनाएँ अटकी हुई हैं।

4. छोटे क्षेत्रों में भी अनुमति दी जाए: मसौदे में छोटे शहरों में न्यूनतम 1 हेक्टेयर और बड़े शहरों में 2 हेक्टेयर क्षेत्र का प्रावधान प्रस्तावित है। यह 0.5 हेक्टेयर और 1 हेक्टेयर पर भी लागू होना चाहिए।

5. महाराष्ट्र की तर्ज पर आय सीमा तय की जाए: महाराष्ट्र राज्य आवास नीति में आय सीमा तय है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में न्यूनतम आयु सीमा EWS के लिए 6 लाख रुपये, LIG ​​के लिए 9 लाख रुपये और MIG के लिए 12 लाख रुपये निर्धारित है। राजस्थान में भी यही प्रावधान लागू होने चाहिए।

6. बैंक नहीं दे रहे लोन: EWS श्रेणी के मकानों पर बैंक लोगों को लोन नहीं दे रहे हैं। इसलिए ऐसे मकान बिक नहीं रहे हैं।

इन बदलावों पर चर्चा
1. प्रस्ताव: EWS और LIG श्रेणी के मकान ऐसे स्थानों पर बनाए जाने चाहिए जहाँ 500 मीटर के दायरे में बिजली, पानी, परिवहन, स्कूल और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हों।

आपत्ति-सुझाव: कम बिक्री दर और महंगी ज़मीन के कारण, शहर के मुख्य क्षेत्र में निर्धारित दर पर मकान बनाना व्यावहारिक नहीं है।

2. प्रस्ताव: यदि बिल्डर-डेवलपर अपनी मूल परियोजना में मकान या प्लॉट उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है, तो उसे स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास की आवासीय योजना में जरूरतमंदों के लिए प्लॉट, फ्लैट खरीदकर उपलब्ध कराने होंगे। दूरस्थ क्षेत्रों में मकान नहीं बनाए जाएँगे।

आपत्ति-सुझाव: निकायों की अधिकांश योजनाएँ आबादी से भी दूर होती हैं। बिल्डर भी दूरस्थ क्षेत्रों में निर्माण नहीं करना चाहते क्योंकि मकान बिकते नहीं हैं। आवासन मंडल की योजनाओं को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।