Aapka Rajasthan

अजमेर दरगाह में पीएम की चादर चढ़ाने पर रोक को लेकर आज कोर्ट का अहम फैसला

अजमेर दरगाह में पीएम की चादर चढ़ाने पर रोक को लेकर आज कोर्ट का अहम फैसला
 
अजमेर दरगाह में पीएम की चादर चढ़ाने पर रोक को लेकर आज कोर्ट का अहम फैसला

राजस्थान के अजमेर में मशहूर ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह पर प्रधानमंत्री के चादर चढ़ाने पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकता है। यह याचिका हिंदू सेना के नेशनल प्रेसिडेंट विष्णु गुप्ता ने दायर की थी, जिससे धार्मिक, राजनीतिक और एडमिनिस्ट्रेटिव हलकों में हलचल मच गई है। इस साल के उर्स की ऑफिशियल शुरुआत के साथ आज दरगाह पर उर्स का झंडा फहराया जाएगा। ऐसे में, कोर्ट का फैसला सभी के लिए अहम साबित हो सकता है।

याचिका का कारण और पिछली घटनाएं
विष्णु गुप्ता का दावा है कि संकट मोचन महादेव मंदिर दरगाह कॉम्प्लेक्स के अंदर है, और उन्होंने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) से जांच की मांग की है। उन्होंने हिंदुओं को वहां पूजा करने का अधिकार देने की भी अपील की है। उन्होंने यह दावा सितंबर 2024 में किया था।

यह खरीद शुरू में 26 सितंबर को अधिकार क्षेत्र के मुद्दों के कारण टाल दी गई थी क्योंकि इसे गलत कोर्ट में दायर किया गया था। हालांकि, अगले दिन, 27 सितंबर को अजमेर सिविल कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए अनुमति दे दी। मामले में अब आगे की कार्रवाई चल रही है।

चादर चढ़ाने पर रोक की मांग क्यों?

याचिका में खास तौर पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक जैसे पदों से उर्स में चादर भेजने पर रोक लगाने की मांग की गई है। गुप्ता का तर्क है कि अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय प्रधानमंत्री की ओर से चादर पेश करता है और प्रसाद की तस्वीरें और वीडियो अपनी वेबसाइट पर अपलोड करता है, जो उनके कानूनी अधिकारों का उल्लंघन है।

कोर्ट ने 10 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 8 दिसंबर को संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किए गए थे। चूंकि उर्स के दौरान कभी भी प्रधानमंत्री की चादर पेश की जा सकती है, इसलिए आज के फैसले का उर्स के माहौल पर असर पड़ सकता है।