5 मिनट के इस वायरल वीडियो में करे गलता जी मंदिर का सम्पूर्ण दर्शन, कुंड, झरने, हवेली शैली की वास्तुकला का अद्भुत संगम देख रह जाएंगे दंग

जयपुर का गलता तीर्थ जिसे गलताजी के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन और पवित्र स्थल है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह तीर्थ स्थल विशेष रूप से श्राद्ध पक्ष के दौरान तर्पण के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का समय होता है। गलता तीर्थ में तर्पण का महत्व इस बात से स्पष्ट होता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु केवल तर्पण करने ही नहीं आते, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक वातावरण का भी आनंद लेते हैं।
गलताजी में कई तालाब और मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु स्नान करके तर्पण करते हैं। मान्यता है कि यहां तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। गलता तीर्थ का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता है। इस स्थल का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था। यहां स्थित मंदिरों और तालाबों का निर्माण राजपूत शैली में किया गया है। इस स्थान की खासियत यह है कि यहां दो पवित्र तालाब हैं, जिनमें स्नान करने से पापों का नाश होता है। इस स्थान पर भगवान सूर्य का मंदिर भी है। सबसे खास बात यह है कि पूरे राजस्थान में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां सूर्य देव अपनी पत्नी संध्या (रानाडे) के साथ विराजमान हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य और पहाड़ियों के बीच बसा यह स्थान पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। हर साल यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, खासकर श्राद्ध पक्ष के दौरान, जब लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें तर्पण देते हैं। गलता तीर्थ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपराओं को भी दर्शाता है। यहां का माहौल श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ है, जो हर श्रद्धालु को एक अनूठा अनुभव देता है।