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राजस्थान के रामगढ़ क्रेटर में अफ्रीकन चीता KP-2 की वापसी, बारां का जंगल बना पसंदीदा प्लेस

राजस्थान के रामगढ़ क्रेटर में अफ्रीकन चीता KP-2 की वापसी, बारां का जंगल बना पसंदीदा प्लेस
 
राजस्थान के रामगढ़ क्रेटर में अफ्रीकन चीता KP-2 की वापसी, बारां का जंगल बना पसंदीदा प्लेस

राजस्थान के बारां जिले में मौजूद रामगढ़ क्रेटर इन दिनों वाइल्डलाइफ लवर्स और एनवायरनमेंटलिस्ट्स के लिए चर्चा का टॉपिक बना हुआ है। मध्य प्रदेश के कुन्नो नेशनल पार्क से आया अफ्रीकी तेंदुआ KP-2 पिछले नौ दिनों से लगातार राजस्थान बॉर्डर के आसपास घूम रहा है। 27 नवंबर को रामगढ़ क्रेटर में घुसने के बाद यह तेंदुआ सात दिनों तक वहीं रहा। इसके बाद यह 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश की ओर बढ़ा और 4 दिसंबर को करीब 10 किलोमीटर अंदर चला गया। हालांकि, 5 दिसंबर की शाम तक यह वापस रामगढ़ क्रेटर में आ गया। इससे साफ पता चलता है कि KP-2 रामगढ़ के जंगल का मजा ले रहा है।

रामगढ़ क्रेटर क्यों खास है?

रामगढ़ क्रेटर भारत का एक अनोखा जियोमॉर्फोलॉजिकल इलाका है, जो घने जंगलों और नेचुरल रिसोर्स से भरपूर है। यह इलाका वाइल्डलाइफ के लिए एक आइडियल हैबिटैट माना जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि यहां का क्लाइमेट और शिकार की अवेलेबिलिटी अफ्रीकी तेंदुए के लिए फायदेमंद है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, KP-2 ने अब तक तीन शिकार किए हैं - एक नीलगाय, एक बछड़ा और एक बकरी। यह मूवमेंट न सिर्फ वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन के लिए ज़रूरी है, बल्कि बारां जिले में वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए नए मौके भी दे सकता है।

फॉरेस्ट डिपार्टमेंट 24 घंटे निगरानी रख रहा है
कुन्नो नेशनल पार्क और बारां फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीमें तेंदुए पर 24 घंटे नज़र रख रही हैं। DFO विवेकानंद मानिकराव ने कहा कि डिपार्टमेंट पूरी सतर्कता से काम कर रहा है ताकि यह पक्का हो सके कि तेंदुआ सुरक्षित रहे और वहां के लोगों को कोई खतरा न हो। KP-2 की मौजूदगी रामगढ़ क्रेटर इलाके को वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए हॉटस्पॉट बना सकती है। यह घटना भारत में तेंदुए के माइग्रेशन प्रोजेक्ट की सफलता को भी दिखाती है।