Jaipur हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल घटना स्थल के बजाय अन्य स्थानों पर दर्ज मुकदमों का ब्योरा जुटाएं
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर हाईकोर्ट ने हादसे के घटना स्थल की बजाय दूसरी जगह पर केस दायर करने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि वह ऐसे केसों का ब्यौरा इकट्ठा करवाएं और इसे सीजे के समक्ष रखें। वहीं अदालत ने जयपुर मेट्रो-प्रथम की एडीजे कोर्ट के 18 सितंबर 2023 के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें जेवीवीएनएल को बिजली हादसे के मृतक के परिजनों को 50.37 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि देने का निर्देश दिया था। साथ ही अदालत ने पक्षकार रेवती देवी व पप्पूराम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जस्टिस अशोक कुमार जैन ने यह आदेश जेवीवीएनएल व एईएन अलवर की याचिकाओं पर दिया। मामले की सुनवाई फरवरी 2024 में तय की है। जेवीवीएनएल की ओर से अधिवक्ता आलोक गर्ग ने अदालत में कहा कि 16 नवंबर 2020 को बानसूर के गांव में हुए बिजली हादसे में योगेश सैनी की मृत्यु हो गई थी। यह घटना बानसूर की है लेकिन इसका क्लेम जयपुर मेट्रो कोर्ट में किया है। जिस जगह पर यह हादसा हुआ था उस क्षेत्राधिकार में ही क्लेम दायर किया जाना चाहिए था। ऐसे में जयपुर की मेट्रो कोर्ट में बानसूर में हुए हादसे के लिए क्लेम दायर नहीं किया जा सकता और ना ही यह उसका क्षेत्राधिकार है। ऐसे में जयपुर मेट्रो कोर्ट ने पीड़ितों के पक्ष में क्षतिपूर्ति का आदेश गलत िदया है जिस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
213 निकायों से पूछा अगले 100 दिन में क्या करोगे, रिपोर्ट दो
नगरीय विकास व आवासन तथा स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश के 213 निकायों, 17 नगरीय निकायों से अगले 100 दिन की कार्य योजना मांगी है। निकाय प्रमुखों से लिखित में रिपोर्ट मांगी है कि वे क्या कार्य करेंगे? गौरतलब है कि सीएम भजनलाल शर्मा ने नई सरकार की अगले 100 दिन की कार्य योजना पर फोकस करने को कहा है। सीएस के निर्देश पर विभागों ने अपने अधीन निकायों से 100 दिन में किए जाने वाले कार्यों का ब्योरा मांगा है। अगले 3 दिन में रिपोर्ट भेजनी होगी। 11 ही नगर निगमों, चारों प्राधिकरणों, नगर परिषदों, नगर सुधार न्यास (यूआईटी), नगर पालिकाओं से संशोधित कार्य योजना के तहत रिपोर्ट तलब की है। इसमें जयपुर मेट्रो, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड को भी शामिल किया गया है। यूडीएच की पहले भेजे आदेश में सरकार के संकल्प पत्र में किए वादों का उल्लेख नहीं किया था। अब संकल्प पत्र के वादों के साथ प्रशासन शहरों के संग अभियान फिर शुरू करने से लेकर अन्य कार्यों की योजना मांगी है।