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राजस्थान हाईकोर्ट अब महीने के दो शनिवार भी रहेगा खुला, फुटेज में जानें साल में 24 अतिरिक्त कार्यदिवस भी हो सकेगी सुनवाई

राजस्थान हाईकोर्ट अब महीने के दो शनिवार भी रहेगा खुला, फुटेज में जानें साल में 24 अतिरिक्त कार्यदिवस भी हो सकेगी सुनवाई
 
राजस्थान हाईकोर्ट अब महीने के दो शनिवार भी रहेगा खुला, फुटेज में जानें साल में 24 अतिरिक्त कार्यदिवस भी हो सकेगी सुनवाई

राजस्थान हाईकोर्ट अब हर महीने के दो शनिवार खुला रहेगा। इस फैसले से न्यायिक कार्यदिवसों में सालाना 24 दिनों की बढ़ोतरी होगी, जिससे लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आने की उम्मीद है। यह अहम निर्णय शुक्रवार को जैसलमेर में आयोजित वेस्ट जोन रीजनल कॉन्फ्रेंस के पहले दिन हुई फुल कोर्ट मीटिंग में लिया गया। बैठक में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत भी मौजूद रहे।

फुल कोर्ट मीटिंग में इस बात पर सहमति बनी कि अदालतों में लगातार बढ़ते मामलों के दबाव को देखते हुए न्यायिक समय का विस्तार अब जरूरी हो गया है। न्यायाधीशों ने माना कि मौजूदा कार्यदिवसों में मामलों की बढ़ती संख्या का प्रभावी ढंग से निपटारा करना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। ऐसे में महीने के दो शनिवार हाईकोर्ट खोलने का निर्णय न्यायिक व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

हाईकोर्ट के अधिकारियों के अनुसार, अतिरिक्त कार्यदिवस मिलने से न केवल लंबित मामलों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि नए मामलों की सुनवाई भी अधिक सुचारू रूप से हो सकेगी। इससे न्यायिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी, तेज और समयबद्ध बनाया जा सकेगा। आम जनता के लिए यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इससे समय पर न्याय मिलने की प्रक्रिया में तेजी आएगी और वर्षों से लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण की उम्मीद बढ़ेगी।

फुल कोर्ट मीटिंग के दौरान न्यायिक कार्यप्रणाली से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की गई। इनमें लंबित प्रकरणों के निपटारे की रणनीति, न्यायालयों में तकनीक के बेहतर उपयोग, ई-कोर्ट प्रणाली को मजबूत करने और डिजिटल प्रक्रियाओं को और प्रभावी बनाने जैसे मुद्दे शामिल रहे। न्यायिक अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक तकनीक और डिजिटल सिस्टम के जरिए न्यायिक कार्यों की गति बढ़ाई जा सकती है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता दोनों में सुधार होगा।

सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत ने भी बदलते समय के अनुरूप न्यायिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, सामाजिक बदलाव और तकनीकी चुनौतियों के बीच न्यायालयों को अधिक सक्षम और उत्तरदायी बनाना समय की मांग है। इसके लिए न्यायिक समय का विस्तार, तकनीकी नवाचार और बेहतर प्रशासनिक प्रबंधन बेहद जरूरी है।

गौरतलब है कि जस्टिस सूर्यकांत शुक्रवार को जैसलमेर पहुंचे थे, जहां वेस्ट जोन रीजनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट, राजस्थान हाईकोर्ट सहित देश के विभिन्न राज्यों से करीब 200 न्यायाधीश भाग ले रहे हैं। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रणाली को बदलते सामाजिक और तकनीकी परिवेश के अनुरूप और अधिक मजबूत बनाना है।

न्यायिक हलकों में राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले को एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो भविष्य में अन्य उच्च न्यायालय भी इसी तरह के कदम उठा सकते हैं। कुल मिलाकर, महीने के दो शनिवार हाईकोर्ट खुलने का निर्णय न्यायिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा और दूरगामी असर वाला कदम साबित हो सकता है।