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बदल जाएगी बाबा श्याम की नगरी की तस्वीर! कॉरिडोर से श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत, जानिए किन 10 बदलावों से चमकेगा धाम ?

बदल जाएगी बाबा श्याम की नगरी की तस्वीर! कॉरिडोर से श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत, जानिए किन 10 बदलावों से चमकेगा धाम ?
 
बदल जाएगी बाबा श्याम की नगरी की तस्वीर! कॉरिडोर से श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत, जानिए किन 10 बदलावों से चमकेगा धाम ?

राजस्थान के सीकर में बाबा खाटूश्याम के भक्तों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत खाटू में एक भव्य कॉरिडोर परियोजना शुरू होने जा रही है। इस परियोजना की लागत 87.87 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना का उद्देश्य खाटू धाम को देश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों की श्रेणी में लाना है। यह विकास कार्य पर्यटन विभाग और राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (RSRDC) के संयुक्त प्रयासों से पूरा किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को पूरा किया जाएगा।

क्या होगी कॉरिडोर की खासियत

इस परियोजना के तहत कॉरिडोर में डिजिटल म्यूजियम, वेटिंग हॉल, शेड्स, पार्किंग एरिया, फूड कोर्ट, कैफेटेरिया, टॉयलेट ब्लॉक, पेयजल स्टेशन और मुख्य प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। खाटूश्याम में बनने वाले डिजिटल म्यूजियम और डिस्प्ले पॉइंट पर करीब 11.51 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस डिजिटल म्यूजियम में अत्याधुनिक तकनीक के जरिए बाबा खाटूश्याम से जुड़ी धार्मिक कथाओं को देखा जा सकेगा। इसके अलावा, कॉरिडोर में ओपन एयर थिएटर और लाइट एंड साउंड शो का प्लेटफॉर्म भी तैयार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि यह कॉरिडोर श्रद्धालुओं की परेशानी को कम करेगा। साथ ही, भीड़ प्रबंधन, मार्गदर्शन और प्रतीक्षा की समस्या का भी समाधान होगा। साथ ही, खान-पान के लिए कैंटीन एरिया जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिससे श्रद्धालुओं को खाने-पीने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इतना ही नहीं, कॉरिडोर में डंपिंग यार्ड और पार्किंग ग्राउंड के लिए 27.42 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है। इस चिह्नित जमीन पर दो बड़े पार्किंग ग्राउंड बनाए जाएंगे। इसके अलावा, बाबा खाटूश्यामजी पर डिजिटल और सामान्य साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी।

कार्य कब शुरू होगा

पर्यटन विभाग सीकर की सहायक निदेशक अनु शर्मा के अनुसार, आरएसआरडीसी ने परियोजना के विकास कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। जिसे अनुमति के लिए सरकार को भेज दिया गया है। अनुमति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। आगामी जुलाई तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।