जो रात में भानगढ़ किले में गया कभी वापस नहीं लौटा, वायरल वीडियो में जानिए इसके पीछे की भूतिया कहानियाँ
राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला अपनी भूतिया कहानियों और रहस्यमय वातावरण के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। इतिहास में यह किला राजपूताना शैली का अद्भुत नमूना माना जाता है, लेकिन इसे भारत के सबसे भूतिया स्थानों में शुमार किया जाता है। कहा जाता है कि भानगढ़ का किला दिन के उजाले में अपनी भव्यता के लिए आकर्षक है, लेकिन जैसे ही सूरज ढलता है, इसकी दुनिया बदल जाती है।
दिन के समय यहाँ पर्यटक और इतिहास प्रेमी खुलेआम किले का दौरा कर सकते हैं, लेकिन शाम ढलते ही सुरक्षा और प्रशासन की तरफ से किले में प्रवेश बंद कर दिया जाता है। यह सिर्फ प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों और पुरानी मान्यताओं के अनुसार, रात में किले के अंदर जाना बेहद खतरनाक माना जाता है। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति रात में भानगढ़ के अंदर जाता है, वह वापस नहीं लौटता।
भानगढ़ की यह अफवाह केवल लोककथाओं तक सीमित नहीं है। कई यात्रियों और साहसी पर्यटकों के अनुभवों ने इसे और भी भयानक बना दिया है। कुछ लोग दावा करते हैं कि रात में किले के अंदर अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती हैं, दीवारों पर छायाएँ घूमती हैं और अचानक मौसम में बदलाव होने लगता है। ऐसे माहौल में कई लोग डर के मारे भाग जाते हैं, लेकिन कुछ की तो रात ही वहीं खत्म हो जाती है।
इतिहासकारों का कहना है कि भानगढ़ किला 17वीं शताब्दी में राजा माधवन सिंह ने बनवाया था। यह किला स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है और इसमें मंदिर, महल और प्राचीरें शामिल हैं। लेकिन इसके साथ जुड़ी हुई कई कहानियाँ और लोककथाएँ इसे डरावना बनाती हैं। सबसे प्रमुख कथा रानी तारा की है, जिनके सौंदर्य और शक्ति के कारण कहा जाता है कि यहां का किला शापित हो गया। माना जाता है कि उन्होंने किसी तांत्रिक को नाराज़ कर दिया था और उसका शाप आज भी किले पर बना हुआ है।
स्थानीय लोग मानते हैं कि रात में भानगढ़ में प्रवेश करना केवल खतरनाक ही नहीं, बल्कि यह आत्माओं और अज्ञात शक्तियों के संपर्क में आने का कारण बनता है। पर्यटक कभी-कभी बताते हैं कि रात में उन्होंने अंधेरे में चलती हुई छायाएँ देखी हैं, दरवाजों से अजीब आवाजें आई हैं और अचानक तेज हवा चली। इन अनुभवों ने भानगढ़ को देश का सबसे डरावना पर्यटन स्थल बना दिया है।
सरकारी प्रशासन ने भी किले की रात की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी है। भानगढ़ फोर्ट की सुरक्षा के लिए पुलिस और स्थानीय गार्ड तैनात रहते हैं। रात में प्रवेश को रोकने का मुख्य कारण न केवल स्थानीय मान्यताएँ हैं, बल्कि यह सुरक्षा कारणों से भी किया जाता है। भानगढ़ का इलाका जंगलों से घिरा हुआ है और रात के समय वहां जानवरों और खतरनाक परिस्थितियों से पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना कठिन हो जाता है।
इसके बावजूद, साहसिक यात्रियों और भूत-प्रेमियों की भीड़ दिन में इस किले की ओर आकर्षित रहती है। दिन में किले का दौरा करना सुरक्षित माना जाता है और पर्यटक इतिहास, स्थापत्य कला और आसपास के नजारों का आनंद ले सकते हैं। किले की दीवारों और मंदिरों की स्थापत्य कला राजस्थान की प्राचीन शैली की झलक दिखाती है, जो इतिहास प्रेमियों के लिए बेहद आकर्षक है।
भानगढ़ की रात की कथाएँ केवल डराने वाली नहीं हैं, बल्कि यह पर्यटन के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण हैं। कई डॉक्यूमेंट्री और टीवी चैनल इसे लेकर रिपोर्टिंग कर चुके हैं, जिसमें रात के रहस्यमय घटनाक्रमों को दर्शाया गया है। यही वजह है कि भानगढ़ का नाम डरावने पर्यटन स्थलों में हमेशा शीर्ष पर रहता है।
भानगढ़ की ख्याति केवल इसके शापित होने या भूतिया होने तक सीमित नहीं है। यह इतिहास, संस्कृति और लोककथाओं का मिश्रण है, जो इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाता है। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, लेकिन रात में किले के अंदर प्रवेश को प्रतिबंधित करना सभी के लिए अनिवार्य है।
