मालपुरा में 800 हिंदू परिवारों के पलायन के मुद्दे ने पकडा जोर, 22 दिसंबर को जन आंदोलन का आह्वान
टोंक जिले के मालपुरा शहर में हिंदुओं के पलायन का मुद्दा एक बार फिर सामने आया है। हिंदू समरसता मंच का दावा है कि आज़ादी के बाद से पिछले 75 सालों में मालपुरा से करीब 800 हिंदू परिवार पलायन कर चुके हैं। मंच ने इस मुद्दे पर 22 दिसंबर को एक पब्लिक आंदोलन का आह्वान किया है।
सोशल मीडिया के ज़रिए दी गई जानकारी
सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में हिंदू समरसता मंच के पदाधिकारी कृष्णकांत जैन ने कहा कि मालपुरा में हिंदू समुदाय लंबे समय से पलायन से परेशान है। उनके मुताबिक, ब्राह्मण और जैन समेत कई समुदायों के परिवार या तो पुराना शहर छोड़कर नए मालपुरा में बस गए हैं या अपने पूरे परिवार के साथ शहर छोड़ चुके हैं।
22 दिसंबर को एक साथ आने की अपील
कृष्णकांत जैन ने कहा कि अभी तक पलायन करने वाले परिवारों ने इसे अपनी पर्सनल प्रॉब्लम मानते हुए पब्लिक में अपनी बात नहीं रखी है। हालांकि, अब इस मुद्दे को मिलकर उठाने का फैसला किया गया है। इस सिलसिले में, पूरे हिंदू समुदाय से 22 दिसंबर को मालपुरा में इकट्ठा होने और एक बड़े पब्लिक प्रदर्शन में हिस्सा लेने का आह्वान किया गया है।
अशांत क्षेत्र संरक्षण अधिनियम की मांग
यह जन आंदोलन हिंदू समरसता मंच के तहत अशांत क्षेत्र संरक्षण अधिनियम की मांग के लिए किया जा रहा है। पूरे वैश्य समुदाय ने इस प्रदर्शन का समर्थन करने का फैसला किया है, और सभी समुदायों ने इसमें भाग लेने के लिए सहमति दी है।
धार्मिक स्थलों पर इकट्ठा होने का फैसला
इस आंदोलन के तहत, अलग-अलग समुदायों ने पुराने मालपुरा इलाके में मौजूद अपने-अपने प्राचीन धार्मिक स्थलों पर इकट्ठा होने का फैसला किया है। अग्रवाल समुदाय गांधी पार्क में पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में, विजयवर्गीय समुदाय जूना तहसील में चारभुजा नाथ मंदिर में, माहेश्वरी समुदाय आज़ाद चौक में लक्ष्मीनाथजी मंदिर में, खंडेलवाल वैश्य समुदाय मानक चौक में गणेश मंदिर में और दिगंबर जैन सरावगी समुदाय चौधरियान जैन मोहल्ला में चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर में इकट्ठा होगा।
तैयारियों को लेकर एक मीटिंग हुई।
जन आंदोलन को लेकर एक मीटिंग भी हुई, जिसमें अग्रवाल समाज के प्रेसिडेंट त्रिलोक चंद जैन, माहेश्वरी समाज के प्रेसिडेंट अमित माहेश्वरी, विजयवर्गीय समाज के प्रेसिडेंट राम अवतार कापड़ी, सरावगी समाज के जनरल सेक्रेटरी प्रकाश चंद्र पाटनी और खंडेलवाल वैश्य समाज के प्रेसिडेंट रामबाबू खान समेत अलग-अलग कम्युनिटी के लीडर मौजूद थे। मीटिंग में कृष्णकांत जैन ने प्रपोज़्ड आंदोलन के बारे में डिटेल में जानकारी दी, जिसका सभी कम्युनिटी ने सपोर्ट किया।
