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जयपुर में होगा खेलों का महाकुंभ! 500 एकड़ में बनाए जाएंगे क्रिकेट स्टेडियम, होटल, अस्पताल, मॉल और ओलिंपिक सेंटर, राजस्थान रॉयल्स का ऐलान

 
जयपुर में होगा खेलों का महाकुंभ! 500 एकड़ में बनाए जाएंगे क्रिकेट स्टेडियम, होटल, अस्पताल, मॉल और ओलिंपिक सेंटर, राजस्थान रॉयल्स का ऐलान

जयपुर न्यूज़ डेस्क -राइजिंग राजस्थान में राजस्थान रॉयल्स ने सरकार के साथ 10 हजार करोड़ रुपए का एमओयू साइन किया था। इसके तहत चित्तौड़गढ़ के नॉलेज सिटी में 500 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के लिए जनवरी में जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) को आवेदन किया था। इसी प्रक्रिया के चलते जेडीए के अतिरिक्त आयुक्त राकेश शर्मा ने कुछ दिन पहले प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लोगों से आपत्ति मांगी है। 

इस पत्र में लिखा है, 'नॉलेज सिटी, साउथ चित्तौड़गढ़, जोन-14 में रॉयल मल्टीस्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (राजस्थान रॉयल्स) को नए स्टेडियम व स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए जमीन आवंटन विचाराधीन है। इस संबंध में किसी व्यक्ति या कंपनी को कोई आपत्ति या सुझाव हो तो 15 दिन में प्रस्तुत करें, अन्यथा मामले में नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।' आवेदन के साथ बैलेंस शीट भी; जेडीए में आवेदन के साथ कंपनी ने तीन साल की बैलेंस शीट भी प्रस्तुत की है। जेडीए में प्रस्तुत 140 पेज के दस्तावेज में राजस्थान रॉयल्स ने बताया कि कंपनी में कौन-कौन डायरेक्टर हैं। इसके अलावा यह भी जानकारी दी गई है कि 2008 में जब कंपनी बनी थी, तब इसका नाम जयपुर आईपीएल क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड था, जिसे 2017 में बदलकर रॉयल मल्टीस्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कर दिया गया।

कन्वेंशन सेंटर, स्कूल और कॉलेज जैसी सुविधाएं मिलेंगी
कंपनी के हेड-ऑपरेशन अभिजीत सिंह ने जनवरी में जेडीए को आवेदन किया था। इस आवेदन में लिखा था कि कंपनी 10 हजार करोड़ का निवेश कर क्रिकेट स्टेडियम, ओलंपिक खेल सुविधाएं, मनोरंजन क्षेत्र, अकादमी, क्लब हाउस, कन्वेंशन सेंटर, होटल, मॉल, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज बनाएगी। साथ ही यह भी बताया गया कि इनके निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

गौरतलब है कि टीम 2008 से इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रॉयल्स के नाम से खेल रही है। इस टीम का बेस भी जयपुर में ही है। जयपुर से लंबे समय से जुड़े होने के कारण कंपनी इस खेल क्षेत्र को ब्लैकबग के नाम से विकसित करना चाहती है। राजस्थान रॉयल्स के उपाध्यक्ष राजीव खन्ना ने कहा, "हां, हमने 10,000 करोड़ रुपये के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। हमने जमीन के लिए जेडीए को भी लिखा था। इसके बाद क्या प्रगति हुई, इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।"