Dhanteras से पहले आ गया है खरीदारी का शुभ मुहूर्त, वीडियो में देखें दिवाली कब और शुभ महूर्त
जयपुर न्यूज़ डेस्क, आज से दीपावली का त्योहार मनाने के लिए ख़रीदारी शुरू हो जाएगी. सबसे अहम बात ये है कि इस बार गुरु पुष्य नक्षत्र का योग बना है. इसलिए गुरु पुष्य नक्षत्र में ख़रीदारी की जाएगी. धन तेरस से पहले सबसे शुभ मुहूर्त गुरु पुष्य नक्षत्र का ही बना हुआ है. इसलिए आज लोग जमकर ख़रीदारी करेंगे.
कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को गुरुवार होने के कारण ये पुष्य नक्षत्र गुरु पुष्य नक्षत्र कहलाता है. ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों में से सबसे ज़्यादा शुभ इसे ही माना जाता है. गुरु पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा भी कहा गया है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पुष्य नक्षत्र में ख़रीदी गईं चीज़ें स्थायी फल देने वाली मानी जाती हैं. इस नक्षत्र में हर तरह की वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं. गुरु पुष्य नक्षत्र का विशेष योग दो दिनों तक रहेगा. ये आज सुबह से शुरू हो चुका है.
इस समय रहेगा शुभ योग
आज यानी 24 अक्टूबर से सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी शुरू हो चुके हैं, जो कल सुबह 6 बजकर 46 मिनट तक रहेंगे. ये दोनों ही योग पुष्य नक्षत्र की खरीदारी को ख़ास बनाते हैं. पुष्य नक्षत्र की शुरुआत आज सुबह 6 बजकर 17 मिनट से हो चुकी है और ये कल सुबह 7 बजकर 40 मिनट तक रहेगा.पुष्य नक्षत्र में शुरू हुए व्यापार और खरीदारी को बहुत ही शुभ और फलदायक माना जाता है. पंडित लोग पुष्य नक्षत्र में शिव-पार्वती, इन्द्र और बाबा भैरव की पूजा करने को उत्तम बताते हैं. इनकी पूजा से धन-सम्पत्ति, ऐश्वर्य और दाम्पत्य जीवन के सुखों में बढ़ोतरी होती है.
गुरु पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है प्रमुख
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है और देवता ग्रह बृहस्पति है. पुष्य नक्षत्र की राशि कर्क है. गुरु पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. ये योग तब बनता है जब देवता ग्रह बृहस्पति पुष्य नक्षत्र में होता है.गुरु पुष्य और बृहस्पति, दोनों ही धन, समृद्धि और ज्ञान के प्रतीक माने गए हैं. इसीलिए इन दोनों के संयोग बनने वाले इस योग को बहुत ही शुभ माना गया है. इस योग में सोने-चांदी के साथ ही अचल सम्पत्ति और वाहन की खरीद भी बहुत शुभ मानी जाती है.