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राजस्थान को मिली नई रेल सौगात, 96 KM लंबी नई लाइन से पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ेगा यह जिला

 
राजस्थान को मिली नई रेल सौगात, 96 KM लंबी नई लाइन से पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ेगा यह जिला

राजस्थान में रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए आधारभूत संरचना, नई लाइन, दोहरीकरण, आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। इसी बीच राजस्थान को अब केंद्र सरकार की ओर से एक और बड़ी सौगात मिली है। राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सोमवार को ही केंद्र सरकार ने मारवाड़ बागरा (जालोर)-सिरोही-स्वरूपगंज (96 किमी) नई रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दी है। जालोर राजस्थान का एक महत्वपूर्ण शहर है जो समदड़ी-भीलड़ी-गांधीधाम रेल मार्ग पर स्थित है। 

वहीं सिरोही जिला मुख्यालय दिल्ली-अजमेर-आबूरोड-अहमदाबाद के नजदीक स्थित है। सिरोही जिला मुख्यालय को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ने को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सिरोही को रेल नेटवर्क से जोड़ने की लंबे समय से मांग थी, जो अब पूरी हो गई है। क्षेत्रीय विकास के खुलेंगे नए द्वार इससे क्षेत्र में व्यापार, रोजगार, सामाजिक समावेश और क्षेत्रीय विकास के नए द्वार खुलेंगे। यह सामरिक, आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना है, जो राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र को एक नए युग में ले जाएगी।

रेल परियोजना के ये होंगे प्रमुख लाभ

-सिरोही को रेल नेटवर्क से जोड़ने से इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही क्षेत्र के निवासियों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

-इस क्षेत्र के निवासियों को राजस्थान के प्रमुख शहरों के साथ-साथ अहमदाबाद, मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों के लिए रेल सेवा मिलेगी।

-सीमावर्ती क्षेत्रों से माल और यात्रियों के परिवहन के लिए यह एक सामरिक कड़ी साबित होगी।

-रेल नेटवर्क से संगमरमर, ग्रेनाइट, सीमेंट, खाद्यान्न और उर्वरक, सीमेंट और अन्य वाणिज्यिक वस्तुओं के परिवहन में सुविधा होगी।

-समदड़ी और सीमावर्ती शहर मुनाबाव जैसे स्थानों से आने वाले यातायात को पश्चिमी डीएफसी मार्ग के माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और मुंबई तक बेहतर रेल संपर्क स्थापित होगा।

सिरोही जिले के रेल नेटवर्क से जुड़ने के बाद 10 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा। खास तौर पर उन कस्बों और गांवों को फायदा होगा जो सिरोही से काफी नजदीक हैं। इनमें शिवगंज, पिंडवाड़ा, रेवदर, मंडार, कालंद्री और जावाल क्षेत्र के गांव शामिल हैं।