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रेगिस्तान नहीं, अजूबा है थार! वीडियो में जानिए 10 ख़ास बाते जो आपको यहां घूमने के लिए कर देंगी मजबूर

रेगिस्तान नहीं, अजूबा है थार! वीडियो में जानिए 10 ख़ास बाते जो आपको यहां घूमने के लिए कर देंगी मजबूर
 
रेगिस्तान नहीं, अजूबा है थार! वीडियो में जानिए 10 ख़ास बाते जो आपको यहां घूमने के लिए कर देंगी मजबूर

राजस्थान की धरती पर फैला थार मरुस्थल, जिसे ग्रेट इंडियन डेजर्ट (Great Indian Desert) भी कहा जाता है, भारत का एक ऐसा अद्भुत और रहस्यमय भू-भाग है, जो अपने रेतीले टीलों, गरम हवाओं, ऊँटों की काफिलों और अनोखी सांस्कृतिक विरासत के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां आने वाला हर पर्यटक न केवल रेगिस्तान की विशालता से प्रभावित होता है, बल्कि इसके पीछे छिपी कहानियां और रोचक तथ्य उसे आकर्षित करते हैं। आइए, जानते हैं थार डेजर्ट से जुड़े कुछ ऐसे दिलचस्प तथ्य, जिन्हें जानना हर पर्यटक के मन में उत्सुकता पैदा करता है।

1. एशिया के सबसे बड़े मरुस्थलों में से एक

थार डेजर्ट भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का 17वां सबसे बड़ा मरुस्थल है। यह लगभग 2 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसका एक बड़ा हिस्सा राजस्थान में स्थित है, जबकि कुछ भाग पंजाब, हरियाणा, गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रांत तक फैले हैं।

2. रेगिस्तान, जहां बसते हैं लोग

अधिकांश मरुस्थलों की तुलना में थार की एक खासियत है – यहां जनसंख्या घनत्व अपेक्षाकृत अधिक है। लोग यहां सदियों से रह रहे हैं और मरुस्थलीय जीवनशैली को अपनाकर पूरी एक समृद्ध संस्कृति का निर्माण किया है। यहां के गांवों में अभी भी पारंपरिक जीवनशैली, लोक संगीत, नृत्य और वस्त्रों की रंगीनता देखने को मिलती है।

3. रेगिस्तान में भी है विविधता

थार केवल रेतीले टीलों तक सीमित नहीं है। यहां नमक की झीलें, घास के मैदान, कंटीले झाड़, और खेजड़ी जैसे पेड़ भी पाए जाते हैं। यहां के पारिस्थितिक तंत्र में वन्यजीवों की कई दुर्लभ प्रजातियाँ रहती हैं, जैसे ब्लैकबक, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, लोमड़ी और रेगिस्तानी बिल्ली।

4. थार का मौसम – तपिश और ठिठुरन का संगम

थार मरुस्थल का मौसम अत्यंत चरम होता है। गर्मियों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, वहीं सर्दियों में तापमान 0 डिग्री से नीचे चला जाता है। यह तापमान का अत्यधिक उतार-चढ़ाव पर्यटकों के लिए चौंकाने वाला अनुभव हो सकता है।

5. ऊँट – रेगिस्तान का जहाज

थार में ऊँट को "रेगिस्तान का जहाज" कहा जाता है। यह न केवल सवारी का प्रमुख साधन है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी अहम भूमिका निभाता है। जैसलमेर और बीकानेर में होने वाली ऊँट सवारी और ऊँट उत्सव दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

6. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का खजाना

थार डेजर्ट केवल प्राकृतिक रूप से ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी समृद्ध है। जैसलमेर का सोनार किला, बीकानेर के महल, पुराने हवेलियाँ, और लोकगाथाएँ इस मरुस्थल की विरासत को और भी रोचक बनाते हैं। पर्यटक यहां आकर राजस्थान की संस्कृति, संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प का अनूठा अनुभव प्राप्त करते हैं।

7. मरुस्थल में होता है रंगीन जीवन उत्सव

थार में जीवन कठिन जरूर है, लेकिन यहां के लोग हर दिन को उत्सव की तरह जीते हैं। यहां होने वाले डेजर्ट फेस्टिवल, तेजाजी मेला, और मारवाड़ उत्सव जैसे आयोजन रेगिस्तान की रंगीन परंपराओं को दर्शाते हैं। इन आयोजनों में लोक संगीत, कठपुतली नृत्य, ऊँट दौड़, पारंपरिक पोशाक प्रतियोगिताएं प्रमुख आकर्षण होते हैं।

8. भारत-पाक सीमा के पास स्थित

थार डेजर्ट का एक बड़ा हिस्सा भारत-पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है। जैसलमेर और बाड़मेर जैसे जिले सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। यहां सीमा सुरक्षा बल की चौकसी और बॉर्डर पर होने वाले बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम भी पर्यटकों को लुभाते हैं।

9. रेगिस्तान में भी होती है खेती

सिंचाई की आधुनिक विधियों, जैसे इंदिरा गांधी नहर परियोजना की वजह से थार के कुछ हिस्सों में अब खेती भी संभव हो गई है। गेहूं, जौ, बाजरा और सरसों जैसी फसलें अब इस मरुस्थलीय क्षेत्र में उगाई जाती हैं, जो एक चमत्कार जैसा लगता है।

10. पर्यटकों की पहली पसंद बना थार

जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर जैसे शहरों में थार डेजर्ट की रोमांचक गतिविधियाँ—डेजर्ट सफारी, नाइट कैंपिंग, फोक डिनर शो, और स्टार वॉचिंग—थार को पर्यटकों की पहली पसंद बना देती हैं। विदेशी पर्यटकों में थार की खूबसूरती और संस्कृति को करीब से जानने की ललक हर साल बढ़ती जा रही है।