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थार डेजर्ट बना ग्लोबल सिनेमा का हॉटस्पॉट, वीडियो में जाने यहां क्यों खिंचे चले आते है बॉलीवुड-साउथ और हॉलीवुड के फिल्ममेकर

थार डेजर्ट बना ग्लोबल सिनेमा का हॉटस्पॉट, वीडियो में जाने यहां क्यों खिंचे चले आते है बॉलीवुड-साउथ और हॉलीवुड के फिल्ममेकर
 
थार डेजर्ट बना ग्लोबल सिनेमा का हॉटस्पॉट, वीडियो में जाने यहां क्यों खिंचे चले आते है बॉलीवुड-साउथ और हॉलीवुड के फिल्ममेकर

राजस्थान का थार मरुस्थल, जिसे हम 'ग्रेट इंडियन डेजर्ट' के नाम से भी जानते हैं, अपनी सुनहरी रेत, विशाल टीलों और सांस्कृतिक विरासत के लिए दुनियाभर में मशहूर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि थार अब सिर्फ पर्यटन या इतिहास तक सीमित नहीं है? पिछले दो दशकों में यह इलाका बॉलीवुड, हॉलीवुड और साउथ इंडियन फिल्मों के लिए हॉट शूटिंग डेस्टिनेशन बन चुका है।यहां की रेत में बसती है कहानी, हर टीले पर दिखता है सिनेमा, और हर सूरज की किरण में बसी होती है कैमरे की चमक। आइए जानते हैं कि कैसे थार का मरुस्थल ग्लोबल फिल्ममेकिंग के लिए एक पसंदीदा जगह बनता जा रहा है।

बॉलीवुड का थार से लगाव: रेत में बसती हैं प्रेम कहानियां और युद्ध की गाथाएं
बॉलीवुड लंबे समय से थार को अपने कैमरे का हिस्सा बनाता आ रहा है। यहां की विशालता, अनूठा रंग-रूप और परंपरागत राजस्थानी लोक जीवन फिल्मकारों को प्रेरित करता है। कई बड़े डायरेक्टर्स ने इस रेगिस्तान की पृष्ठभूमि को अपनी फिल्मों की आत्मा बनाया है।

प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्में जो थार में शूट हुईं:
‘बॉर्डर’ (1997) – जे पी दत्ता की यह क्लासिक वॉर फिल्म लौंगेवाला (जैसलमेर) में शूट हुई थी। फिल्म में थार की रेत युद्ध भूमि बन गई थी।
‘पद्मावत’ (2018) – संजय लीला भंसाली की इस फिल्म के कई दृश्य जैसलमेर के आसपास के इलाकों में फिल्माए गए।
‘रेज़’ (Raazi) और ‘रंग दे बसंती’ जैसी फिल्मों ने थार को अलग-अलग एंगल से पेश किया।
‘माँझी - द माउंटेन मैन’ और ‘हम दिल दे चुके सनम’ जैसी फिल्मों ने थार के प्राकृतिक सौंदर्य को बखूबी कैप्चर किया।
थार की भव्यता और सांस्कृतिक गहराई ने फिल्मों को सिर्फ खूबसूरत फ्रेम नहीं दिए, बल्कि उसे एक जिंदा किरदार बना दिया।

हॉलीवुड की नजर भी पड़ी थार पर: विदेशी कैमरों में कैद हुआ भारतीय मरुस्थल
हॉलीवुड फिल्ममेकर्स भी भारत की विविधता से आकर्षित हैं। थार डेजर्ट को उन्होंने भी अपनी कहानियों में शामिल किया है। इसका उदाहरण हैं कुछ उल्लेखनीय फिल्में:

हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स:
‘द डार्जीलिंग लिमिटेड’ (2007) – वेस एंडरसन की इस फिल्म में राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों को प्रमुखता से दिखाया गया।
‘द डार्क नाइट राइज़ेज’ – कुछ स्टंट सीन जैसलमेर के पास शूट हुए थे।
BBC और National Geographic जैसे चैनलों ने थार पर कई डॉक्यूमेंट्री बनाई हैं जो थार की रहस्यमय और जीवंत छवि को दुनियाभर में फैलाती हैं।

साउथ फिल्म इंडस्ट्री भी पीछे नहीं: तेलुगु और तमिल फिल्मों का नया पसंदीदा लोकेशन
पिछले कुछ वर्षों में साउथ फिल्मों में राजस्थान की झलक तेजी से बढ़ी है। तेलुगु, तमिल और मलयालम फिल्म निर्देशकों ने थार को एक सिनेमैटिक जादू की तरह अपनाया है।

उदाहरण:
‘बाहुबली’ फ्रैंचाइज़ी के कुछ दृश्य जैसलमेर और आसपास के रेगिस्तानी हिस्सों में फिल्माए गए थे।
तेलुगु फिल्म ‘साहो’ (2019) – इसमें जैसलमेर की लोकेशन को एक हाई-ऑक्टेन चेज़ सीन के लिए इस्तेमाल किया गया।
‘पुष्पा’ जैसी फिल्मों के लुक टेस्ट और फोटोग्राफी भी थार में हुई, क्योंकि यह लोकेशन स्क्रिप्ट में वांछित “रॉ एंड रियल” फील देता है।

क्यों खास है थार डेजर्ट फिल्ममेकिंग के लिए?
प्राकृतिक रोशनी: रेगिस्तान की धूप और रिफ्लेक्शन शूटिंग के लिए आदर्श होती है।
लैंडस्केप: थार का खुला, विस्तृत और एकरूप दृश्य दुनिया के किसी भी रेगिस्तान से कम नहीं है।
स्थानीय रंगत: ऊंट, पगड़ीधारी लोग, लोक नृत्य और संगीत – सब मिलकर दृश्य को जीवंत बना देते हैं।
कम लागत और फिल्म फ्रेंडली प्रशासन: राजस्थान सरकार द्वारा फिल्मों के लिए दी जाने वाली रियायतें और सहयोग भी एक बड़ा कारण है।

भविष्य की संभावनाएं: थार डेजर्ट बनेगा ‘फिल्म सिटी’?
राजस्थान सरकार ने कई बार यह संकेत दिया है कि जैसलमेर या जोधपुर के पास "डेजर्ट फिल्म सिटी" का निर्माण किया जा सकता है। इससे न केवल लोकल इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा बल्कि थार को वैश्विक फिल्म डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।

निष्कर्ष
थार डेजर्ट अब सिर्फ भारत की भौगोलिक पहचान नहीं रहा, बल्कि यह रचनात्मकता, सिनेमा और ग्लोबल आर्ट का मंच बन चुका है। रेत में छिपे ये दृश्य अब कैमरों में बसने लगे हैं, कहानियों में ढलने लगे हैं। बॉलीवुड की प्रेम कहानियों से लेकर हॉलीवुड के थ्रिल तक, और साउथ के ऐक्शन से लेकर डॉक्यूमेंट्रीज तक — थार अब हर फ्रेम में है।यदि आपने अब तक थार को केवल रेगिस्तान के रूप में देखा है, तो अगली बार जब कोई फिल्म देखें, तो उसके पीछे की रेत, रंग और राजस्थान को पहचानना मत भूलिएगा।